Parenting Tips: बच्चे की हेल्थ को लेकर मां-बाप हमेशा एक्स्ट्रा अलर्ट रहते हैं. केयरिंग होना अच्छी पैरेंटिंग की निशानी है. इसके बावजूद अच्छी परवरिश के नाम पर कुछ पैरेंट्स ऐसी साधारण सी भूल करते हैं, जो उनके बच्चे को कमजोर बना सकती है.
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Positive Parenting Tips Child Health Care: अपने बच्चों को हर समय कुछ न कुछ खिलाने की एक साधारण सी आदत आपके बच्चे की सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है. 'बेटा ये खा लो... बच्चा प्लीज ये खालो... बस एक बाइट और ये कौर मंमा का... और ये बस आखिरी बाइट ' अगर आप भी अपने बच्चे को तंदुरस्त बनाने के नाम पर हर समय ऐसे छोटे-छोटे डॉयलॉग बोलकर उनके पीछे पड़े रहते हैं तो हर समय उन्हें फीड कराकर आप उनका हाजमा खराब कर रहे हैं. यानी अनजाने में ही सही लेकिन आप उसकी सेहत बिगाड़ रहे हैं.
ओवर फीड न कराएं
वहीं बच्चों को सबकुछ हजम हो जाता है. बच्चे दिनभर दौड़भाग करते हैं. ऐसे में उन्हें ज्यादा एनर्जी की जरूरत पड़ती है. ऐसी सोंच रखने वाले पैरेंट्स को भी अपने बच्चों की डाइट पर बेहद ध्यान देने की जरूरत है. ऐसे में बच्चों को जरूरत से ज्यादा डाइट खिलाने को मजबूर करने के लिए उन्हें मोबाइल फोन थमाने का लालच तो एकदम नहीं देना चाहिए.
खराब हो जाएगा बच्चे का हाजमा
अगर आप भी ऐसा करते हैं तो जाने-अनजाने आप उसका हाजमा खराब करने के साथ उसकी सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं. डायटीशियंस का मानना है कि बच्चों को भोजन टाइम देखकर नहीं बल्कि उसकी भूख देखकर दिया जाना चाहिए. तभी उसकी सेहत को अधिक फायदा होता है. नहीं तो बच्चे का पेट खराब हो सकता है या उसका पाचन कमजोर हो सकता है.
भूख का अहसास जरूरी
बिना भूख लगे अपने छोटे बच्चों को चिड़िया की तरह हर समय चुगाना गलत है. बच्चा भले ही स्वाद के नाम पर अपनी पसंदीदा चीजों को लगातार खाता रहे लेकिन वो तो मासूम है. हमेशा पेट भरा रहने के चलते उसे ये पता चल ही नहीं पाता है कि भूख क्या होती है? दरअसल जब तक आपका बच्चा मिल्क डायट पर होता है, तब तक तो वो भूख लगने पर रोकर अपनी बात समझा देता है. लेकिन अन्नप्राशन संस्कार के बाद जब वो अन्न खाने लगता है तो आप अपने लाड़-प्यार में हर समय उसे कुछ ना कुछ खिलाने का प्रयास करते रहते हैं. इससे उसे भूख का पता ही नहीं चल पाता. इसके कई नुकसान होते हैं, पहला ये कि बच्चा भूख के अहसास को समझ नहीं पाता और दूसरा ये कि उसका पाचन जाने-अनजाने कमजोर हो जाता है.
हाजमा बिगड़ने के नुकसान
दरअसल बार-बार बच्चों को खिलाते-पिलाते रहने से बच्चे की बॉडी को पाचन का पूरा समय नहीं मिलता और उसके शरीर को न्यूट्रिशन भी सही से नहीं मिल पाता, जिससे शरीर कमजोर हो सकता है. कमजोर शरीर का मतलब हमेशा यह नहीं होता कि बच्चा पतला हो जाए बल्कि ज्यादा खाने के चक्कर में उसकी बॉडी अधिक वेट गेन कर सकती है.
डॉक्टर्स की सलाह
बच्चों के डॉक्टरों और डाइटीशियों के मुताबिक मानव शरीर की 80% रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी डायजेस्टिव ट्रैक्ट में होती है. इसलिए बच्चे के पाचन तंत्र में भूख को सही से विकसित होने दें, उसे खुद से ये फील होने दें कि उसे कुछ खाना है. क्योंकि ये प्रॉसेस न सिर्फ शरीर के पोषण बल्कि बच्चे की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए बेहद जरूरी होती है.
(Disclaimer: इस लेख में प्रकाशित जानकारी को मात्र सुझाव के रूप में लें, Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है. ऐसे में बच्चों के को किसी भी तरह की दिक्कत होने पर फौरन अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें. )