MP Election News: पहले इस्तीफा मंजूर करवाने के लिए परेशान थीं डिप्टी कलेक्टर, पर अब टिकट पर मचमच! क्या कांग्रेस देगी मौका?
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MP Election News: पहले इस्तीफा मंजूर करवाने के लिए परेशान थीं डिप्टी कलेक्टर, पर अब टिकट पर मचमच! क्या कांग्रेस देगी मौका?

MP Assembly Election 2023: निशा बांगरे (Nisha Bangre) को कांग्रेस का टिकट मिलेगा या नहीं और क्या वो निर्दलीय भी चुनावी मैदान में उतर सकती हैं? इसकी बात एमपी के सियासी गलियारों में लगातार हो रही है.

MP Election News: पहले इस्तीफा मंजूर करवाने के लिए परेशान थीं डिप्टी कलेक्टर, पर अब टिकट पर मचमच! क्या कांग्रेस देगी मौका?

Nisha Bangre News: छतरपुर की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे (Nisha Bangre) का इस्तीफा मंजूर हो गया है लेकिन, अब कांग्रेस से उनके टिकट पर पेंच फंस गया है. पहले तो निशा बांगरे अपना इस्तीफा मंजूर करवाने के लिए परेशान थीं लेकिन अब उनके टिकट को लेकर मचमच हो रही है. इस मसले को लेकर निशा बांगरे एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) से मुलाकात कर चुकी हैं. जान लें कि प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दे चुकीं निशा बांगरे एमपी की आमला (Amla) विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का दावा ठोक रही हैं. इस सीट पर पहले से ही कांग्रेस टिकट का ऐलान कर चुकी हैं. ऐसे में निशा बांगरे क्या करेंगी? क्या उनके लिए पार्टी टिकट बदलेगी या वो निर्दलीय लड़ेंगीं?

क्या निशा बांगरे को मिलेगा टिकट?

सूत्रों के मुताबिक, आमला विधानसभा सीट से निशा बांगरे की उम्मीदवारी पर कांग्रेस आलाकमान जल्द ही फैसला लेगी. इस बीच, निशा बांगरे ने कांग्रेस को अपना वादा भी याद दिलाया है. अब सवाल है कि क्या आमला विधानसभा सीट से कांग्रेस मनोज मालवे की जगह निशा बांगरे पर दांव लगाएगी? इस पर जल्द ही फैसला हो सकता है.

टिकट नहीं मिला तो क्या करेंगी निशा?

बता दें कि निशा बांगरे छतरपुर की एसडीएम थीं. निशा ने 23 जून, 2023 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. बीते 23 अक्टूबर को मध्य प्रदेश सरकार ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया. निशा बांगरे अब चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. बताया जा रहा है कि वो कांग्रेस से तो टिकट मांग ही रही हैं और अगर टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय भी मैदान में उतर सकती हैं.

इस्तीफा मंजूर कराने के लिए CM आवास तक मार्च

जान लें कि निशा बांगरे का इस्तीफा जब नहीं मंजूर हुआ था तो वह सड़क पर उतर आई थीं. 28 सिंतबर को उन्होंने आमला से भोपाल तक 300 किलोमीटर की पदयात्रा की. 9 अक्टूबर को वह आमला से पैदल भोपाल पहुंच गईं. हालांकि, इसके बाद सीएम आवास की तरफ मार्च कर रहीं निशा को गिरफ्तार कर लिया गया और इस दौरान उन्हें एक रात जेल में बितानी पड़ी. फिर आखिरकार, 23 अक्टूबर को निशा बांगरे का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया.

MNC में जॉब के बाद अधिकारी और अब राजनीति में कदम

गौरतलब है कि निशा बांगरे मध्य प्रदेश के बालाघाट की रहने वाली हैं. साल 2010 से 2014 तक उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. इसके बाद निशा ने गुरुग्राम की एक एमएनसी में जॉब की. फिर उनका रुझान सिविल सर्विस की तरफ हो गया. इसके बाद 2016 में निशा ने यूपीएससी का एग्जाम पास किया और 2017 में मध्य प्रदेश में डीएसपी बनीं. हालांकि, अब वो नौकरी इस्तीफा दे चुकी हैं और चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं.

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