Rajasthan Chunav 2023: 'कांग्रेस की नहीं बल्कि गहलोत की शिकस्त', राजस्थान में हार के बाद 'जादूगर' पर बरस पड़े OSD लोकेश शर्मा
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Rajasthan Chunav 2023: 'कांग्रेस की नहीं बल्कि गहलोत की शिकस्त', राजस्थान में हार के बाद 'जादूगर' पर बरस पड़े OSD लोकेश शर्मा

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान चुनाव के नतीजे आते ही कांग्रेस में निवर्तमान सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूट पड़ा है. इसकी शुरुआत खुद उनके ओएसडी लोकेश शर्मा ने की है. 

Rajasthan Chunav 2023: 'कांग्रेस की नहीं बल्कि गहलोत की शिकस्त', राजस्थान में हार के बाद 'जादूगर' पर बरस पड़े OSD लोकेश शर्मा

Lokesh Sharma allegations against Ashok Gehlot: राजस्थान में करारी हार के साथ ही कांग्रेस में सिर फुटव्वल का दौर शुरू हो गया है. निवर्तमान सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा ने सोशल मीडिया एक्स पर लंबी पोस्ट लिखकर उन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत की जिद और खराब रणनीति की वजह से पार्टी को यह जबरदस्त हार झेलनी पड़ी है. उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस की नहीं बल्कि गहलोत की शिकस्त है. 

'गहलोत जी बदलाव नहीं चाहते थे'

लोकेश शर्मा ने पोस्ट में लिखा, 'लोकतंत्र में जनता ही माई-बाप है और जनादेश शिरोधार्य है, विनम्रता से स्वीकार है. मैं नतीजों से आहत जरूर हूँ, लेकिन अचंभित नहीं हूं. कांग्रेस पार्टी #Rajasthan में निःसंदेह रिवाज़ बदल सकती थी लेकिन अशोक गहलोत जी कभी कोई बदलाव नहीं चाहते थे. यह कांग्रेस की नहीं बल्कि अशोक गहलोत जी की शिकस्त है.'

'कभी सत्ता में वापसी नहीं करवा पाए गहलोत'

गहलोत के पूर्व ओएसडी ने गहलोत पर हमला बोलते हुए लिखा, 'गहलोत के चेहरे पर, उनको फ्री हैंड देकर, उनके नेतृत्व में पार्टी ने चुनाव लड़ा और उनके मुताबिक प्रत्येक सीट पर वे स्वयं चुनाव लड़ रहे थे. न उनका अनुभव चला, न जादू और हर बार की तरह कांग्रेस को उनकी योजनाओं के सहारे जीत नहीं मिली और न ही अथाह पिंक प्रचार काम आया. तीसरी बार लगातार सीएम रहते हुए गहलोत ने पार्टी को फिर हाशिये पर लाकर खड़ा कर दिया. आज तक पार्टी से सिर्फ़ लिया ही लिया है लेकिन कभी अपने रहते पार्टी की सत्ता में वापसी नहीं करवा पाए गहलोत.'

'गलत प्रत्याशियों को बांटे गए टिकट'

उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के गलत फैसलों की वजह से ये नतीजे सामने आए. लोकेश शर्मा ने लिखा, 'आलाकमान के साथ फ़रेब, ऊपर सही फीडबैक न पहुंचने देना, किसी को विकल्प तक न बनने देना, अपरिपक्व और अपने फायदे के लिए जुड़े लोगों से घिरे रहकर आत्ममुग्धता में लगातार गलत निर्णय और आपाधापी में फैसले लिए जाते रहना, तमाम फीडबैक और सर्वे को दरकिनार कर अपनी मनमर्जी और अपने पसंदीदा प्रत्याशियों को उनकी स्पष्ट हार को देखते हुए भी टिकट दिलवाने की जिद. आज के ये नतीजे तय थे. मैं स्वयं मुख्यमंत्री को यह पहले बता चुका था, कई बार आगाह कर चुका था लेकिन उन्हें कोई ऐसी सलाह या व्यक्ति अपने साथ नहीं चाहिए था जो सच बताए.'

'सीएम ने नहीं सुनी वास्तविक रिपोर्ट'

अपनी पोस्ट में लोकेश शर्मा ने लिखा, 'मैं छः महीने लगातार घूम-घूम कर राजस्थान के कस्बों-गांव-ढाणी में गया, लोगों से मिला, हजारों युवाओं के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किए. लगभग 127 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करते हुए ग्राउंड रिपोर्ट सीएम को लाकर दी, ज़मीनी हक़ीकत को बिना लाग-लपेट सामने रखा ताकि समय पर सुधारात्मक कदम उठाते हुए फैसले किये जा सकें जिससे पार्टी की वापसी सुनिश्चित हो. मैंने खुद भी चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी, पहले बीकानेर से फिर सीएम के कहने पर भीलवाड़ा से, जिस सीट को हम 20 साल से हार रहे थे, लेकिन ये नया प्रयोग नहीं कर पाए. बीडी कल्ला जी के लिए मैंने 6 महीने पहले बता दिया था कि वे 20 हजार से ज्यादा मत से चुनाव हारेंगे और वही हुआ. अशोक गहलोत जी के पार्ट पर इस तरह फैसले लिए गए कि विकल्प तैयार ही नहीं हो पाए.'  

उन्होंने कहा, '25 सितंबर की घटना भी पूरी तरह से प्रायोजित थी जब आलाकमान के खिलाफ़ विद्रोह कर अवमानना की गई और उसी दिन से शुरू हो गया था खेल.'

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