New Tax Regime: नौकरीपेशा 80सी के तहत मिलने वाली निवेश सीमा की लिमिट बढ़ाने की भी मांग कर रहा है. इसके अलावा पीपीएफ में जमा किए जाने वाले पैसे की लिमिट बढ़ाने की भी मांग की जा रही है.
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Budget Expectation: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2023 को आम बजट पेश करेंगी. इस बार के बजट में नौकरीपेशा से लेकर किसानों तक कई घोषणाएं होने की उम्मीद है. एक्सपर्ट का दावा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यह सरकार का आखिरी पूर्ण बजट है. ऐसे में सरकार इसमें देशवासियों को आकर्षित करने की कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी. लेकिन बजट से उम्मीद के बीच सबसे ज्यादा चर्चा टैक्स स्लैब और आयकर छूट की सीमा बढ़ने पर हो रही है. नौकरीपेशा को उम्मीद है कि नौ साल बाद इस बार वित्त मंत्री आयकर छूट की सीमा को जरूर बढ़ाएंगी.
80सी के तहत मिलने वाली छूट बढ़ाने की मांग
एक्सपर्ट को उम्मीद है सरकार की तरफ से इस बार आयकर छूट की सीमा को ढाई लाख से बढ़ाकर तीन से पांच लाख रुपये तक किया जा सकता है. बढ़ती महंगाई के दौर में इनकम टैक्स रिबेट की लिमिट बढ़ाने पर लोगों के हाथ में खर्च करने के लिए ज्यादा पैसा रहेगा. स्टैंडर्ड डिडक्शन भी 50,000 से बढ़ाकर 75,000 तक किया जा सकता है. नौकरीपेशा 80सी के तहत मिलने वाली निवेश सीमा की लिमिट बढ़ाने की भी मांग कर रहा है. इसके अलावा पीपीएफ में जमा किए जाने वाले पैसे की लिमिट बढ़ाने की भी मांग की जा रही है. लेकिन क्या आपको जानकारी है कि पिछले दिनों किए गए बदलाव के बाद टैक्स पेयर्स को 80सी के तहत मिलने वाली छूट का फायदा मिलना बंद हो गया है.
ओल्ड टैक्स रिजीम से ज्यादा टैक्स स्लैब
दरअसल, सरकार की तरफ से 2020-21 के बजट में पारंपरिक टैक्स व्यवस्था से अलग वैकल्पिक आयकर व्यवस्था शुरू की गई. इसे न्यू टैक्स रिजीम (new tax regime) कहा गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले दिनों कहा था कि ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax regime) निम्न आय वर्ग के लिए उपयोगी है. इसमें 7-10 तरह से टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं. लेकिन नए टैक्स स्लैब में आप किसी प्रकार का डिडक्शन क्लेम नहीं कर सकते. इस व्यवस्था में ओल्ड टैक्स रिजीम से ज्यादा टैक्स स्लैब हैं.
ढाई लाख तक की आय टैक्स फ्री
न्यू टैक्स रिजीम में ढाई लाख तक की आय टैक्स फ्री है. इसके बाद इसमें आयकर के अलग-अलग सात स्लैब हैं. इसमें आप 80सी, 80डी, मेडिकल इंश्योरेंस, हाउसिंग लोन आदि किसी पर टैक्स छूट का दावा नहीं कर सकते. इसमें 15 लाख तक की आय पर 25 प्रतिशत और 15 लाख से ज्यादा इनकम पर 30 प्रतिशत का टैक्स देना होता है. न्यू टैक्स सिस्टम में किराये पर स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है. इसके अलावा खेती से होने वाली आमदनी, PPF के ब्याज, बीमा की मैच्योरिटी की रकम, डेथ क्लेम, छंटनी पर मिला मुआवजा, रिटायरमेंट पर लीव इनकैशमेंट आदि पर आयकर से छूट प्राप्त है.
न्यू टैक्स रिजीम
2.5 लाख तक की आय----0% टैक्स
2,50,001 से 5 लाख रुपये तक की आय----5% टैक्स
5,00,001 से 7.5 लाख रुपये तक की आय----10% टैक्स
7,50,001 से 10 लाख रुपये तक की आय----15% टैक्स
10,00,001 से 12.5 लाख रुपये तक की आय----20% टैक्स
12,50,001 से 15 लाख रुपये तक----25% टैक्स
15 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर----30% टैक्स
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