Nithyananda contraversy: आखिर कहां है भगोड़े नित्‍यानंद की 'मायानगरी' कैलासा? जिसे लेकर चारों ओर मचा है बवाल!
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Nithyananda contraversy: आखिर कहां है भगोड़े नित्‍यानंद की 'मायानगरी' कैलासा? जिसे लेकर चारों ओर मचा है बवाल!

 UN reaction on kailasa: कैलासा का नाम आते ही कई पाठकों के दिमाग में यह सवाल जरूर आता होगा कि आखिर भगोड़े नित्यानंद का बनाया हुआ यह देश धरती के किस जगह बसा हुआ है. आज हम आपको इसी सवाल का जवाब देंगे. अब आप भी जान लीजिए की इस कथित देश की लोकेशन कहां है!

फाइल फोटो

Where Is Country Kailasa: रेप और बच्चों के अपहरण के मामले में भारत से भागे भगोड़े नित्यानंद (Fugitive Nityananda) का नाम एक बार फिर से सुर्खियों में बना हुआ है. विवादित धर्मगुरु नित्यानंद ने अपना खुद का कथित तौर पर एक देश बनाया है, जिसका नाम कैलासा रखा है. नित्यानंद इसे पूरी तरह से हिंदू राष्ट्र बताता है. हाल ही में यूनाइटेड नेशन्स (United Nations) की एक बैठक में कथित देश यूनाइटेड स्टेट ऑफ कैलासा (United State of Kailasa) की एक प्रतिनिधि विजयप्रिया नित्यानंद भी मौजूद थी जिसके बाद से फिर से नित्यानंद और कैलासा का जिक्र मिलने लगा है. आपको बता दें कि काल्पनिक देश यूनाइटेड स्टेट ऑफ कैलासा के प्रतिनिधि का यूनाइटेड नेशंस की बैठक में आना भारत को पसंद नहीं आया है.

कहां है नित्यानंद का काल्पनिक कैलासा?

कैलासा का नाम आते ही कई पाठकों के दिमाग में यह सवाल जरूर आता होगा कि आखिर भगोड़े नित्यानंद का बनाया हुआ यह देश धरती के किस जगह बसा हुआ है. आज हम आपको इसी सवाल का जवाब देंगे. कई मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि भगोड़े नित्यानंद ने अपना काल्पनिक देश इक्वाडोर के नजदीक एक द्वीप पर बसाया हुआ है. इस काल्पनिक देश की वेबसाइट की मानें तो दुनिया के सताए हुए हिंदू वह चाहे किसी भी नस्ल, लिंग या पंथ के हो वह कैलासा में आकर शांतिपूर्वक जीवन बिता सकते हैं. इसके अलावा अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय अपनी आध्यात्मिकता, कला और संस्कृति की प्रैक्टिस बिना किसी हस्तक्षेप के कर सकते हैं.

क्या चल रहा है कथिक कैलासा में?

आपको बता दें कि यूनाइटेड स्टेट ऑफ कैलाश के ऑफिशल टि्वटर हैंडल से गुरुवार को लोगों से ई नागरिकता और ई विजा के लिए आवेदन मांगे थे. नित्यानंद का काल्पनिक देश दावा करता है कि उसके पास अपनी करंसी है, वित्तीय कार्य प्रणाली है, उसका अपना खुद का पासपोर्ट है और प्रतीक चिन्ह भी हैं. आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने अभी तक नित्यानंद के देश कैलाशा को मान्यता नहीं दी है.

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