IT Sector: हाल के दिनों में इस सेक्टर में कुछ बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं. पहले इस सेक्टर में अच्छी-खासी संख्या में नौकरियां निकलती थी. कंपनियां वर्कफोर्स बढ़ाने पर फोकस करती थीं. लेकिन, अब ऐसा नहीं हो रहा है. आइए आपको इसके बारे में बताते हैं.
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भारत का IT सेक्टर दुनिया में सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते सेक्टर्स में से एक है. लाखों लोग इस सेक्टर में जॉब करते हैं. लेकिन, हाल के दिनों में इस सेक्टर में कुछ बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं. पहले इस सेक्टर में अच्छी-खासी संख्या में नौकरियां निकलती थी. कंपनियां वर्कफोर्स बढ़ाने पर फोकस करती थीं. लेकिन, अब ऐसा नहीं हो रहा है क्योंकि जटिल कामों को अब ओटोमेटेड किया जा रहा है. इसके चलते कंपनियों में भर्ती प्रक्रिया में बदलाव हुए हैं.
कम नौकरियां ज्यादा काम
पहले आईटी कंपनियां हर साल हजारों नए लोगों को नौकरी देती थीं. लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है. कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की संख्या कम कर दी है. इसका कारण है कि अब कंपनियां मशीनों और रोबोट का इस्तेमाल करके बहुत सारा काम कर रही हैं. इन मशीनों को एक बार काम सिखाने के बाद, वे बिना थके दिन-रात काम करती रहती हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 की दिसंबर तिमाही में भारत की टॉप 5 आईटी फर्मों ने 2,587 कर्मचारियों को निकाला. वहीं, सितंबर तिमाही ने कंपनियों ने 15,033 कर्मचारियों को नौकरी पर रखा था. इन्फोसिस और एचसीएलटेक ने दिसंबर तिमाही के दौरान 7,725 कर्मचारियों नौकरियां दी थीं.
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यह ट्रेंड वित्त वर्ष 2024 की मार्च तिमाही में भी जारी रहा, जिसमें इन पांच फर्मों ने 12,600 नौकरियां कम की थीं. यह पिछले वित्त वर्ष की भर्ती प्रक्रिया से बिल्कुल अलग है, जिसके दौरान आईटी सेक्टर ने 60,000 कर्मचारियों को जोड़ा था, जिससे इसका टोटल वर्कफोर्स 5.4 मिलियन हो गया था.
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अमेरिका में खतरे में भारतीयों की नौकरियां
मशीनें अब बहुत सारे काम कर रही हैं, इसलिए कंपनियों को ऐसे लोगों की जरूरत है जो इन मशीनों को चला सकें और उनमें सुधार कर सकें. कंपनियां अब स्किल्ड प्रोफेशनल्स को हायर करना पसंद कर रही हैं. अमेरिका में कई भारतीय आईटी कंपनियों में काम करते हैं. लेकिन अमेरिका में कुछ नए नियम बन रहे हैं जिनकी वजह से भारतीयों की नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं.