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अगर आप भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है. एलन मस्क की स्टारलिंक भारत में अपनी सेवाएं शुरू करने से पहले, भारत की ही कंपनी एयरटेल अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने वाली है. भारती एंटरप्राइजेज के वाइस चेयरमैन राजन भारती मित्तल ने हाल ही में एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि उनकी सैटेलाइट टेलीकॉम सेवा शुरू होने के लिए तैयार है, लेकिन अभी सरकार की मंजूरी का इंतजार है.
बनाए दो बेस स्टेशन
एयरटेल ने गुजरात और तमिलनाडु में अपने बेस स्टेशनों का काम पूरा कर लिया है और अब केवल सरकार की अनुमति का इंतजार कर रही है. लॉन्च समय सीमा के बारे में, राजन ने कहा कि जैसे ही उन्हें आवश्यक अनुमतियां मिलेंगी, वे भारत में सैटेलाइट सेवाएं शुरू करने के लिए तैयार हैं. एयरटेल ने पहले ही 635 सैटेलाइट लॉन्च कर दिए हैं और अभी ये कई देशों में काम कर रहे हैं. राजन ने ये भी बताया कि वे दूर-दराज के इलाकों में अपनी सेवाएं कम दाम में देंगे.
इससे स्टारलिंक को काफी मुश्किल हो सकती है, जो भारत में अपनी सेवाएं शुरू करना चाहता है लेकिन अभी भी सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रहा है. इसके अलावा, स्टारलिंक की सेवाएं काफी महंगी होती हैं, जिससे एयरटेल को कीमतों के मामले में फायदा हो सकता है.
अब यूजर्स किसी भी नेवटर्क से कर सकेंगे कॉल
अब Jio, BSNL और Airtel के यूजर्स किसी भी नेटवर्क से कॉल कर सकते हैं, भले ही उनके सिम कार्ड में सिग्नल न आ रहा हो. सरकार ने 17 जनवरी को इंट्रा सर्कल रोमिंग (ICR) की सुविधा शुरू की. इस सुविधा के शुरू होने से, DBN द्वारा फंड किए गए एक ही टावर के जरिए, किसी भी नेटवर्क के यूजर्स 4G सर्विस का उपयोग कर सकते हैं.
जब मोबाइल नेटवर्क कंपनियां एक साथ मिलकर काम करती हैं और सरकार द्वारा बनाए गए एक ही टावर का इस्तेमाल करती हैं, तो अलग-अलग नेटवर्क वाले लोग भी उस टावर से 4G सेवा का उपयोग कर सकते हैं. इससे कम टावर बनाने की जरूरत पड़ती है, जिससे नेटवर्क स्थापित करना आसान और तेज हो जाता है. कुल मिलाकर, इससे बेहतर सेवा मिलती है और टावर बनाने की संख्या भी कम हो जाती है.