RBI Repo Rate: आरबीआई की ब्याज-दर-निर्धारण समिति ने इस साल लगातार तीन एमपीसी में रेपो रेट को छूने से परहेज किया है. इसमें हाल ही में 8 से 10 अगस्त तक हुई हालिया बैठक भी शामिल है.
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RBI Policy: हाल ही में संपन्न हुई रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मौद्रिक समीक्षा नीति (MPC) में गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया. आरबीआई की तरफ से लगातार तीसरी बार रेपो रेट को पुराने स्तर 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया. महंगाई दर को कम करने के प्रयास के तहत रेपो रेट बढ़ाया जाता है और इसके फलस्वरूप ब्याज दर बढ़ती है. लेकिन हकीकत यह है कि किसी भी सरकार को ऊंची ब्याज दरें पसंद नहीं होती, क्योंकि भारत सरकार देश की सबसे बड़ी कर्जदार है.
मौजूदा सरकार कम ब्याज दर की पक्षधर
ब्याज दर बढ़ने से सरकारों की खर्च करने की शक्ति कम हो जाती है. मौजूदा सरकार भी कम ब्याज दर की पक्षधर है. अगले साल अप्रैल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव और इससे पहले राज्य विधानसभा चुनाव से पहले सरकार चुनावी मोड में आने की तैयारी कर रही है. ब्याज दर कम होने से होम लोन की ईएमआई में कमी आएगी और मध्यम वर्गीय परिवारों को ज्यादा ब्याज से राहत मिलेगी.
तीन एमपीसी में रेपो रेट को छूने से परहेज
आरबीआई की ब्याज-दर-निर्धारण समिति ने इस साल लगातार तीन एमपीसी में रेपो रेट को छूने से परहेज किया है. इसमें हाल ही में 8 से 10 अगस्त तक हुई हालिया बैठक भी शामिल है. गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी एमपीसी में लिये गए फैसलों की जानकारी देते हुए कहा था कि ब्याज दर एक ही स्तर पर रुकी हुई है. शक्तिकांत दास ने पहले भी वित्त मंत्रियों के साथ बजट तैयार करने में सालों बिताए हैं. आरबीआई की तरफ इस समय सरकार और जनता दोनों ही आशा की नजर से देख रहे हैं.
2.5 प्रतिशत तक बढ़ गया रेपो रेट
केंद्रीय बैंक की तरफ से मई 2022 में रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच चुकी महंगाई दर को कम करने के लिए ब्याज दर में इजाफा किया गया था. तब से अब तक रेपो रेट 2.5 प्रतिशत बढ़ चुका है. महंगाई दर में गिरावट भी आई है. लेकिन आरबीआई की कोशिश है कि इसको 4 प्रतिशत से नीचे लाया जाए. अगर इस साल के अंत तक रिटेल इंफलेशन आरबीआई के तय टारगेट तक आ जाता है तो इसमें अगले साल राहत मिल सकती है.
इस साल मई में रिटेल इंफलेशन घटकर 4.31 प्रतिशत पर आ गया था. लेकिन जून में यह बढ़कर फिर से 4.81 प्रतिशत पर पहुंच गया. जानकारों को यह भी उम्मीद है कि टमाटर का भाव रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचने से जुलाई के आंकड़ों में महंगाई दर में और तेजी देखने को मिल सकती है. दूसरी तरफ क्रूड ऑयल में भी लगातार तेजी देखने को मिल रही है. ऐसे में हाल-फिलहाल रेपो रेट में कमी होने की उम्मीद कम है.