GT vs KKR, Match: रिंकू सिंह के पिता गैस हॉकर का काम करते थे तो उनके साथ रिंकू घर-घर सिलेंडर लगाने जाया करते थे. रिंकू का परिवार वही गैस गोदाम के एक छोटे से क्वार्टर में हीं रहता है. रिंकू बचपन से ही क्रिकेट के शौकीन थे. अलीगढ़ में छोटे-छोटे ग्राउंड में क्रिकेट खेलने वाले रिंकू धीरे-धीरे बड़े टूर्नामेंटों में खेलने लगे.
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IPL 2023 News: आईपीएल में कल हुए गुजरात और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच कांटे के मुकाबले में रिंकू सिंह ने अपनी आतिशी पारी की बदौलत कोलकाता नाइट राइडर्स को 3 विकेट से जीत दिला दी. एक छोटे से परिवार से आने वाले रिंकू सिंह के जीवन की कहानी भी बड़ी विचित्र है. रिंकू सिंह के पिता खानचंद्र सिंह एक LPG गैस सिलेंडर वितरण कंपनी में काम करते थे. खानचंद्र सिंह और बीना देवी की 6 संतानों में रिंकू सिंह तीसरे नंबर पर हैं. रिंकू सिंह पांच भाई और एक बहन हैं. 24 साल के रिंकू सिंह ने अपने जीवन का संघर्ष देखा है. पिता को घर-घर सिलेंडर पहुंचाते तो बड़े भाई को ऑटो चलाकर गुजारा करते देखा है. यहां तक कि खुद भी बल्ला घुमाने से पहले झाड़ू-पोछा लगा चुके हैं.
6,6,6,6,6 रिंकू के करिश्मे के बाद पिता का तगड़ा रिएक्शन
रिंकू सिंह के पिता गैस हॉकर का काम करते थे तो उनके साथ रिंकू घर-घर सिलेंडर लगाने जाया करते थे. रिंकू का परिवार वही गैस गोदाम के एक छोटे से क्वार्टर में हीं रहता है. रिंकू बचपन से ही क्रिकेट के शौकीन थे. अलीगढ़ में छोटे-छोटे ग्राउंड में क्रिकेट खेलने वाले रिंकू धीरे-धीरे बड़े टूर्नामेंटों में खेलने लगे. उसके बाद वह यूपी टीम में चयनित हुए. रिंकू IPL करियर के बीते 5 सालों के दौरान चोट की मार से लेकर BCCI के नियम उल्लंघन को लेकर सस्पेंशन तक झेल चुके हैं. लेकिन, वो खिलाड़ी ही क्या जो ठोकरों को ठोकर ना मार दे. बस वैसे ही तेवरों वाले खिलाड़ी हैं रिंकू सिंह. पिता बिल्कुल नहीं चाहते थे कि वह खेल में समय बर्बाद करे लेकिन रिंकू नहीं मानता था तो पिटाई भी हो जाती थी.
अचानक अपनी इस बड़ी मांग से पूरी दुनिया को चौंकाया
रिंकू का क्रिकेट खेलना परिवार को पसंद नहीं था, हालांकि उसके पिता खुद क्रिकेट के बहुत शौकीन थे और एक क्रिकेटर थे. मगर 2012 के एक स्कूल टूर्नामेंट में जब रिंकू ने बाइक जीती तो घरवालों का मन बदलने लगा. शुरुआत में क्रिकेट से जो पैसा कमाया, वह कर्ज चुकाने में चला गया. अलीगढ़ से निकल आईपीएल पहुंचने वाला रिंकू पहला खिलाड़ी बना. इतने पैसे मिले थे कि घर परिवार में कभी किसी ने देखे नहीं थे. घर की सारी दिक़्क़तें दूर हो गई. जमीन लेकर घर बनवाया, कर्जे थे वो चुका दिए.
रिंकू सिंह की किस्मत चमक गई
साल 2017 में केकेआर ने रिंकू को आईपीएल ने खरीदा, जिसके बाद रिंकू सिंह की किस्मत चमक गई. शाहरुख खान की कोलकाता नाइटराइडर्स ने 2018 में उन्हें आईपीएल के लिए 80 लाख रुपए में अनुबंधित किया, वो भी तब जब रिंकू सिंह को कोई नहीं जानता था. हालांकि उत्तर प्रदेश की ओर से घरेलू क्रिकेट में उनका प्रदर्शन निखरने लगा था. रिंकू की कामयाबी से खुश है. रिंकू के पिता खान चंद ने बताया कि यह तीसरे नंबर का बेटा है. स्टार्टिंग में तो यह क्रिकेट ही खेलता था. रिंकू के पिता ने कहा, 'मैं उससे मना करता था कि क्रिकेट मैच खेल कर क्या करेगा. पढ़ लिख ले, अगर कुछ बनना है. इस पर उसका ध्यान पढ़ने लिखने में नहीं था. जब मैंने इसे इधर उधर देखा स्टेडियम में देखा.'
सिलेंडर लगवाने भी गया
रिंकू के पिता ने कहा, 'अच्छे रन बनाए तो सब लोगों ने कहा कि तुम्हारा लड़का अच्छा खेलता है. तब मैंने इससे मना किया कि काम करने की जरूरत नहीं है तू क्रिकेट खेल. मैं गैस सिलेंडर डिलीवरी का काम करता हूं. मैंने कभी नहीं सोचा था. मेरे साथ भी उसने काम किया है जब भी जरूरत पड़ती थी तो मेरे साथ सिलेंडर लगवाने भी गया था. अच्छा किया है उसने, उसका काम भी लगाया था उसके भाई ने लेकिन उसने काम करने से मना कर दिया. कल 5 छक्के मारते देखते हुए मुझे बहुत खुशी महसूस हो रही है. मेरा सीना चौड़ा हो गया. रिंकू की अभी शादी नहीं हुई है. मैं उसे इंडिया में खेलते हुए देखना चाहता हूं. रिंकू ने मुझ से 5 साल पहले ही मना कर दिया कि पापा यह काम छोड़ दो लेकिन मैंने मना कर दिया कि मेरे हाथ पैर चलते रहेंगे. इसलिए मैं अपना काम करता हूं.'
झाड़ू पोंछे का भी काम किया
मां बीना देवी ने बताया कि मुझे बहुत अच्छा लग रहा है जो कल उसने किया है. रिंकू की मां बीना देवी ने कहा, 'मैंने कभी नहीं सोचा था. बहुत बढ़िया लग रहा है, कल जब उसने टीम को जीत दिलाई है. वह तीसरे नंबर का बेटा है. मैं बहुत खुश हूं वह इंडिया खेले.' रिंकू के भाई मुकुल ने बताया कि मैं जॉब करता हूं. दो छोटे भाई और क्रिकेट खेलते हैं और बड़े भाई हॉस्टल बन रहा है वह देखते हैं. रिंकू के भाई मुकुल ने कहा, 'मुझे बहुत अच्छा लग रहा है जो कल उन्होंने जीत दिलाई है. क्या बताऊं मैं उसके बारे में विश्वास नहीं हुआ है. कल जो मैच हुआ है. उसने झाड़ू पोंछे का भी काम किया, मैं ही लेकर गया था उसको काम पर उस जगह पर कोचिंग सेंटर में वहां पर उसने मना कर दिया काम करने के लिए कि मुझे क्रिकेट खेलना है तो वहां से चला गया. मुझे पता था कि वह इस मुकाम तक पहुंचेगा.'
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