Saina Nehwal: भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल इन दिनों बड़ी बीमारी जूझ रही हैं. जिसके चलते उन्हें संन्यास भी लेना पड़ सकता है. उन्होंने इसका खुलासा खुद किया है कि गठिया बीमारी के चलते वह संन्यास के बारे में सोचने पर मजबूर हैं.
Trending Photos
Saina Nehwal: भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल इन दिनों बड़ी बीमारी जूझ रही हैं. जिसके चलते उन्हें संन्यास भी लेना पड़ सकता है. उन्होंने इसका खुलासा खुद किया है कि गठिया बीमारी के चलते वह संन्यास के बारे में सोचने पर मजबूर हैं. इस बीमारी के चलते उनके लिए खेलना काफी मुश्किल हो चुका है. साइना ने भारत के लिए गुच्छों में मेडल जीते हैं. फिर चाहे बाद लंदन ओलंपिक की हो या फिर वर्ल्ड चैंपियनशिप की. लेकिन अब वह संन्यास की ओर बढ़ रही हैं.
लंदन ओलंपिक में जीता था ब्रॉन्ज
साइना नेहवाल बैडमिंटन में ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं. उन्होंने लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक अपने नाम किया था. वहीं, वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी जलवा बिखेरा और दो मेडल जीतकर देश का परचम लहराया था. उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि इस बीमारी के चलते उन्हें अभ्यास करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में 2024 के अंत में वह संन्यास का ऐलान कर सकती हैं.
'मेरा कार्टिलेज खराब हो गया है...'
गगन नारंग के ‘हाउस ऑफ ग्लोरी’ पॉडकास्ट में साइना नेहवाल ने बताया, 'मेरे घुटने की स्थिति अच्छी नहीं है, मुझे गठिया है. मेरा कार्टिलेज खराब हो चुका है. ऐसे में आठ-नौ घंटे तक खेल से जुड़े रहना काफी मुश्किल है. ऐसे में आप दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को कैसे चुनौती देंगे. मुझे किसी न किसी स्तर पर इसे स्वीकार करना होगा क्योंकि टॉप खिलाड़ियों के खिलाफ रिजल्ट हासिल करने के लिए दो घंटे की प्रैक्टिस काफी नहीं है.ट
9 साल में की थी शुरुआत
साइना नेहवाल भारतीय जनता पार्टी की सदस्य भी हैं. साइना नेहवाल ने कहा 'मैं संन्यास लेने के बारे में सोच रही हूं. यह पीड़ा दायक होगा क्योंकि यह एक आम आदमी की तरह की जाने वाली नौकरी की तरह है. जाहिर है, एक खिलाड़ी का करियर हमेशा छोटा होता है. मैंने नौ साल की उम्र में शुरुआत की थी. अगले साल मैं 35 की हो जाऊंगी. मेरा करियर भी लंबा रहा है और इस पर मुझे गर्व है. मैंने जो कुछ हासिल किया उसके लिए मैं खुश हूं. मैं इस साल के अंत तक आकलन करुंगी कि मैं कैसा महसूस कर रही हूं.'
उन्होंने आगे कहा कि 'ओलंपिक में खेलना हर किसी का बचपन का सपना होता है. आप वहां पहुंचने के लिए सालों तक तैयारी करते हैं. कई बार जब आपको एहसास होता है कि आप इसे हासिल नहीं कर पाएंगे, तो काफी दुख होता है. मैंने बहुत मेहनत की और तीन ओलंपिक खेले. मैंने सभी में अपना बेस्ट दिया और इसपर मुझे गर्व है.'