Team India: भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर अपने सख्त रवैये के लिए जाने जाते हैं. अब उनके व्यवहार से जुड़ी एक खबर सामने आ रही है, जिसमें बताया गया कि गंभीर और बॉलिंग कोच मोर्ने मोर्केल के बीच अनबन चल रही है.
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Gautam Gambhir: ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारत की 1-3 से बुरी हार के बाद टीम इंडिया में उथल-पुथल मची हुई है. हाल ही में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) हेड कोच गंभीर, चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर और कप्तान रोहित की मौजूदगी में एक मीटिंग आयोजित की थी. इससे जुड़ी एक बड़ी खबर देखने को मिल रही है, जिसमें बताया गया कि गौतम गंभीर और बॉलिंग कोच मोर्ने मॉर्कल के बीच अनबन चल रही है. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गंभीर ने मोर्केल की फटकार लगाई थी.
भारत का खराब प्रदर्शन
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पूरी भारतीय टीम पर जीत का प्रेशर था. पहले टेस्ट में जीत के बाद टीम इंडिया वापसी करने में नाकाम रही. सीरीज में 1-3 से हार का सामना करना पड़ा. कभी कप्तान रोहित शर्मा ट्रोल हुए तो कभी गौतम गंभीर की कोचिंग की क्लास लगी. ड्रेसिंग रूम में सब ठीक नहीं होने की भी चर्चाएं तेज थीं, लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में हेड कोच ने इसे नकार दिया. अब टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में बताया गया कि गंभीर और मोर्केल के बीच ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच ही अनबन हो गई थी.
क्यों चढ़ गया गंभीर का पारा
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, दौरे से पहले एक निजी मीटिंग के कारण मोर्केल ट्रेनिंग में थोड़ा देरी से पहुंचे थे. जिसे लेकर गंभीर ने उनकी फटकार लगा दी. बीसीसीआई के एक सूत्र ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'गंभीर अनुशासन को लेकर बहुत सख्त हैं. उन्होंने मैदान पर ही मोर्कल को फटकार लगाई. बोर्ड को बताया गया है कि दौरे के बाकी दिनों में मोर्कल थोड़े संकोची थे. टीम के सुचारू रूप से चलने के लिए इन दोनों को ही इसे सुलझाना होगा.'
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रडार में सीनियर प्लेयर्स
सूत्र ने आगे बताया, 'बल्लेबाजी कोच अभिषेक नायर विशेष रूप से सवालों के घेरे में हैं. गंभीर खुद एक कुशल बल्लेबाज रहे हैं. बोर्ड ने खिलाड़ियों से पूछा है कि क्या नायर कुछ नया ला रहे हैं. इसी तरह, सहायक कोच रेयान टेन डोएशेट की भूमिका पर चर्चा की जा रही है. अंतरराष्ट्रीय अनुभव की कमी और एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर के प्रदर्शन को बढ़ाने में योगदान देने की उनकी क्षमता पर सवाल उठाए गए हैं. बोर्ड को लगता है कि कोचों द्वारा टीम के साथ बहुत समय बिताने के बाद वफादारी के मुद्दे सामने आते हैं. लेकिन थ्रोडाउन की पेशकश करने वाले साइड-आर्म विशेषज्ञ से इसे फायदा हुआ है.'