DDCA: दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष पद के लिए इस सप्ताह चुनाव होने हैं. लेकिन इससे पहले भारी बवाल देखने को मिल रहा है. मौजूदा अध्यक्ष रोहन जेटली को चुनौती देने उतरने वाले पूर्व भारतीय क्रिकेटर कीर्ति ने मौजूदा अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए.
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DDCA: दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष पद के लिए इस सप्ताह चुनाव होने हैं. लेकिन इससे पहले भारी बवाल देखने को मिल रहा है. मौजूदा अध्यक्ष रोहन जेटली को चुनौती देने उतरने वाले पूर्व भारतीय क्रिकेटर कीर्ति ने मौजूदा अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने पिछले वित्तीय वर्ष में भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) से मिले लगभग 140 करोड़ रुपये का पूरा हिसाब मांग दिया. कीर्ति आजाद ने रोहन जेटली को भी लपेटे में ले लिया है.
क्या है मामला?
कीर्ति आजान के मुताबिक बीसीसीआई से पिछले वित्तीय वर्ष में मिले 140 करोड़ रुपये का डीडीसीए ने केवल एक हिस्सा ही खर्च किया. पीटीआई द्वारा संपर्क करने के प्रयासों के बावजूद जेटली सहित डीडीसीए के मौजूदा पदाधिकारियों ने आजाद के आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. डीडीसीए की बैलेंस शीट के अनुसार राज्य इकाई को पिछले वित्तीय वर्ष में बीसीसीआई से 70 करोड़ रुपये की अनुदान आय प्राप्त हुई जबकि आईपीएल, बीसीसीआई से मैच फीस और अंतरराष्ट्रीय मैचों की टिकट बिक्री सहित अन्य स्रोतों से उसे लगभग 67 करोड़ रुपये की कमाई हुई. इन्हें देखते हुए कीर्ति आजाद ने सभी को रिमांड पर लिया है.
क्या बोले कीर्ति आजाद?
आजाद ने मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा, 'डीडीसीए को बीसीसीआई से प्रति वर्ष 140 करोड़ रुपये मिलते हैं, लगभग 12 करोड़ रुपये प्रति माह और 40 लाख रुपये प्रतिदिन. संघ को जो अनुदान मिला उसका कुप्रबंधन हुआ है. खातों का उचित तरीके से ऑडिट नहीं किया गया. क्रिकेट पर केवल सात करोड़ रुपये खर्च किए गए, बाकी पैसा कहां जा रहा है.'
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कब होंगे चुनाव?
डीडीसीए के चुनाव 13 से 15 दिसंबर तक होने हैं. इसके रिजल्ट 16 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे. भारत की 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य और बर्धमान-दुर्गापुर सीट से तृणमूल कांग्रेस के सांसद आजाद ने जेटली को चुनाव से पहले स्वस्थ बहस के लिए आमंत्रित किया था लेकिन डीडीसीए के मौजूदा अध्यक्ष मंगलवार को इसके लिए नहीं पहुंचे. आजाद ने कहा, 'परिवर्तन निरंतर होता है. यदि कोई परिवर्तन नहीं है तो जीवन में कुछ भी नहीं है. मुझे पूरा भरोसा है. लोग परिवर्तन चाहते हैं और यह परिवर्तन आने वाला है. रोहन मेरे बेटे जैसा है. मैं चाहता था कि वह आए और डीडीसीए को परेशान करने वाले विभिन्न मुद्दों पर एक स्वस्थ बहस करे. डीडीसीए के सदस्यों को लंबे समय से उनके उचित दर्जे से वंचित रखा गया है. दिल्ली के अन्य सभी क्लबों में उचित सुविधाएं हैं लेकिन डीडीसीए के पास नहीं है और यही कारण है कि सदस्य वहां नहीं जाना चाहते.