Solar Flares 2024 News: एक दुर्लभ खगोलीय घटना में, सूर्य से चार-चार ज्वालाएं फूट पड़ी हैं. अगर इनका रुख पृथ्वी की तरफ हुआ तो पावर ग्रिड से लेकर टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क तक बाधित हो सकते हैं.
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Solar Flares On Earth: सूर्य की सतह पर चार अलग-अलग जगहों पर भयानक विस्फोट हुए हैं. एक साथ हुए इन धमाकों की वजह से चार सौर ज्वालाएं निकलीं हैं. 23 अप्रैल की सुबह हुई घटना ने दुनियाभर के एस्ट्रोनॉमर्स का ध्यान खींचा है. NASA की सोलर डायनैमिक्स ऑब्जर्वेटरी ने धमाकों का वीडियो फुटेज जारी किया है. आशंका जताई जा रही है कि इस महाविस्फोट की वजह से एक सौर तूफान उठा होगा जो आने वाले दिनों में पृथ्वी पर असर डाल सकता है. एक साथ होने वाले ऐसे धमाकों को सिम्पैथेटिक सोलर फ्लेयर कहते हैं. सौर ज्वालाएं सूर्य की सतह पर होने वाले रेडिएशन के ताकतवर धमाकों को कहते हैं. जब सौर वातावरण में चुंबकीय शक्ति अचानक रिलीज होते हैं, तब सौर ज्वालाएं फूटती हैं. इस ज्वालाओं के साथ सनस्पॉट भी उभरते हैं. सनस्पॉट सूर्य की सतह पर उन काले धब्बों को कहते हैं जो ज्वालाओं के मैग्नेटिक फील्ड से टकराने की वजह से ठंडे हुए इलाकों को दिखाते हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, धमाके वाली जगहें एक-दूसरे से हजारों किलोमीटर दूर थीं. आमतौर पर सिम्पैथेटिक फ्लेयर की घटनाओं में दो ज्वालाएं आपस में जुड़ी रहती हैं. लेकिन इस बार चार-चार सौर ज्वालाएं फूटी हैं, जिसे 'सुपर सिम्पैथेटिक' बताया जा रहा है.
अभी यह साफ नहीं कि धमाकों की कुल ताकत कितनी थी. हालांकि, वैज्ञानिकों ने पाया कि काफी बड़े इलाके में सनस्पॉट्स फैले हैं. स्पेसवेदर डॉट कॉम ने लिखा कि इस बात की संभावना है कि 'कम से कम कुछ मलबा तो पृथ्वी की ओर भी आ रहा होगा.' यह मलबा असल में प्लाज्मा और रेडिएशन का विशालकाय बादल हो सकता है जिसे कोरोनल मास इजेक्शन (CME) कहते हैं. 2024 में आया यह तीसरा सिम्पैथेटिक फ्लेयर है. इससे पहले, जनवरी और मार्च में सौर ज्वालाएं फूट चुकी हैं.
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वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि इनमें से किसी एक सौर ज्वाला के चलते धरती पर सौर तूफान आ सकता है. सौर तूफान या CME के पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराने पर व्यापक असर देखने को मिल सकता है. सौर तूफान के चलते धरती की पावर ग्रिडों से लेकर सैटेलाइट कम्युनिकेशन नेटवर्क में रुकावट आ सकती है. एस्ट्रोनॉट्स और हवाई यात्रियों को सामान्य से ज्यादा रेडिएशन झेलना पड़ सकता है. सौर तूफानों की वजह से, पृथ्वी के चुंबकीय ध्रुवों के पास खूबसूरत प्राकृतिक रोशनियां भी दिखाई देती हैं जिन्हें ऑरोरा या ध्रुवीय ज्योति कहते हैं.