जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने की 'सुपर बृहस्पति' की खोज, सौरमंडल के दादा से छह गुना बड़ा है यह ग्रह
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जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने की 'सुपर बृहस्पति' की खोज, सौरमंडल के दादा से छह गुना बड़ा है यह ग्रह

James Webb Space Telescope Discovery: NASA के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने ऐसे एक्सोप्लैनेट की खोज की है जिसे 'सुपर जुपिटर' यानी सुपर बृहस्पति कहा जा रहा है.

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने की 'सुपर बृहस्पति' की खोज, सौरमंडल के दादा से छह गुना बड़ा है यह ग्रह

Super Jupiter Discovery: वैज्ञानिकों ने जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) की मदद से नया एक्सोप्लैनेट खोजा है. यह एक गैस दानव है जिसका नाम Eps Ind Ab रखा गया है. यह एक्सोप्लैनेट एक तरह से 'सुपर बृहस्पति' जैसा है और इसकी कक्षा भी 'सुपर' है. इस ग्रह का व्यास बृहस्पति के बराबर है, लेकिन इसका द्रव्यमान बृहस्पति से छह गुना ज्यादा है. इसका वायुमंडल भी बृहस्पति की तरह हाइड्रोजन से भरपूर है. इंटरनेशनल टीम की रिसर्च के नतीजे Nature पत्रिका में छपे हैं. 

यह पहला एक्सोप्लैनेट है जिसकी फोटो सीधे जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने ली है. अभी तक, धरती पर मौजूद टेलीस्कोप के जरिए इसका फोटो नहीं लिया गया था. नया खोजा गया ग्रह JWST द्वारा अब तक अध्ययन किए गए किसी भी गैसीय ग्रह से कहीं अधिक ठंडा है. इस ग्रह को अपने तारे का चक्कर लगाने में दो सदी से ज्यादा, शायद 250 साल तक का समय लगता है. यह अपने तारे से पृथ्वी की सूर्य से दूरी से 15 गुना ज्यादा दूरी पर है.

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3.5 बिलियन साल पुराने तारे की करता है परिक्रमा

यह ग्रह नारंगी बौने तारे एप्सिलॉन इंडी ए की परिक्रमा कर रहा है. यह इस सिस्टम का एकमात्र ग्रह प्रतीत होता है, इसलिए रिसर्चर्स ने इसे Epsilon Indi Ab नाम दिया है. Epsilon Indi A पृथ्वी से 3.6 पारसेक या 11.7 प्रकाश वर्ष दूर है, और लगभग 3.5 बिलियन वर्ष पुराना है. इसका ग्रह अब लगभग 15 एयू (एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट यानी पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी) की दूरी पर परिक्रमा करता हुआ प्रतीत होता है.

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फोटो: T. Müller (MPIA/HdA), E. Matthews (MPIA)

यह ग्रह, JWST द्वारा अब तक स्टडी किए गए किसी भी गैसीय ग्रह की तुलना में बहुत अधिक ठंडा है. यह एक सुपर-बृहस्पति है जो अपने तारे की परिक्रमा सूर्य से नेपच्यून की दूरी के बराबर दूरी पर कर रहा है. यह खोज इसे एक्सोप्लैनेट्स के बीच अनूठा बनाती है.

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वैज्ञानिकों ने JWST पर लगे मिड-इंफ्रारेड इंस्ट्रुमेंट (MIRI) की मदद से इस ग्रहा का फोटो लिया. MIRI में कोरोनाग्राफ नाम का एक मास्क लगा है जो तारों से आने वाली रोशनी को ब्लॉक कर सकता है जिससे JWST उनके पास मौजूद पिंडों की स्टडी कर सकता है.

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