क्या है फायर-फ्लाई.. सैटेलाइट कांस्टेलेशन, PM मोदी ने 'मन की बात' में किया जिक्र
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क्या है फायर-फ्लाई.. सैटेलाइट कांस्टेलेशन, PM मोदी ने 'मन की बात' में किया जिक्र

Earth imaging satellite: फायरफ्लाई उपग्रहों की विशेषता यह है कि वे पारंपरिक हाइपरस्पेक्ट्रल उपग्रहों से 6 गुना ज्यादा स्पष्टता प्रदान करते हैं. इनकी उच्च-रिज़ॉल्यूशन क्षमता वैश्विक घटनाओं के सटीक अध्ययन में नई मिसाल पेश करती है. 

क्या है फायर-फ्लाई.. सैटेलाइट कांस्टेलेशन, PM मोदी ने 'मन की बात' में किया जिक्र

Firefly satellite constellation: इस साल के अपने पहले 'मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु स्थित निजी स्पेस-टेक स्टार्टअप पिक्सेल की उपलब्धियों की सराहना की है. पिक्सेल ने भारत को पहला निजी पृथ्वी इमेजिंग उपग्रह समूह ‘फायरफ्लाई’ प्रदान करके अंतरिक्ष क्षेत्र में नई ऊंचाईयां दी हैं. हाल ही में पिक्सेल ने ‘फायरफ्लाई’ नामक उपग्रह समूह को सफलतापूर्वक लॉन्च किया. यह उपग्रह समूह विश्व का सबसे उच्च-रिज़ॉल्यूशन हाइपरस्पेक्ट्रल उपग्रह समूह है, जो पृथ्वी की जलवायु और अन्य महत्त्वपूर्ण जानकारियां अभूतपूर्व सटीकता के साथ प्रदान करेगा.

तीन ‘फायरफ्लाई’ उपग्रह
असल में इस हफ्ते तीन ‘फायरफ्लाई’ उपग्रहों को स्पेसएक्स फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए कैलिफोर्निया के वैंडनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से 550 किमी की निम्न पृथ्वी कक्षा में स्थापित किया गया. इस लॉन्च से पहले उपग्रहों को एक्सोलॉन्च के जरिए एकीकृत किया गया था. पिक्सेल का उद्देश्य इन उपग्रहों के माध्यम से जलवायु निगरानी और वैश्विक घटनाओं की पहचान और पूर्वानुमान में सुधार करना है.

उच्च-रिज़ॉल्यूशन क्षमता
फायरफ्लाई उपग्रहों की विशेषता यह है कि वे पारंपरिक हाइपरस्पेक्ट्रल उपग्रहों से 6 गुना ज्यादा स्पष्टता प्रदान करते हैं. इनकी उच्च-रिज़ॉल्यूशन क्षमता वैश्विक घटनाओं के सटीक अध्ययन में नई मिसाल पेश करती है. पिक्सेल इस साल के अंत तक तीन और उपग्रह लॉन्च करने की योजना बना रहा है.

पिक्सेल की स्थापना 2019 में बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, पिलानी के छात्रों आवैस अहमद और क्षितिज खंडेलवाल ने की थी. इस स्टार्टअप ने अब तक $95 मिलियन से अधिक फंड जुटाए हैं और यह भारत के सफलतम उपग्रह प्रोजेक्ट्स में से एक बन गया है.

(ISRO की भी सराहना की
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की भी सराहना की जिसने हाल ही में स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (SpaDeX) के तहत दो उपग्रहों को जोड़ने की तकनीक में सफलता हासिल की. इस उपलब्धि ने भारत को अमेरिका, रूस और चीन के बाद इस तकनीक में सक्षम चौथा देश बना दिया.

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