Tulsi Upay: तुलसी की पत्ती तोड़ने से पहले करें ऐसे पूजन, कभी नहीं होंगी मां लक्ष्मी नाराज
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Tulsi Upay: तुलसी की पत्ती तोड़ने से पहले करें ऐसे पूजन, कभी नहीं होंगी मां लक्ष्मी नाराज

Tulsi Mantra: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व है. माना जाता है जिस घर में तुलसी का पौधा होता है वहां सुख-समृद्धि बनी रहती है. लेकिन प्रत्येक दिन तुलसी की पत्ती तोड़ना सही नहीं माना गया है. तुलसी की पत्ती तोड़ने से पहले इस मंत्र को जरूर पढ़ें. 

तुलसी तोड़ने के नियम

Tulsi Todne ke Niyam : एक पौधे के रूप में तुलसी औषधीय गुणों की खान है. साथ  ही धार्मिक दृष्टि से भी इस पौधे का पूजन करना विशेष फलदायी बताया गया है. हिंदू धर्म में तुलसी को बहुत ही महत्व दिया गया है. तुलसी के पौधे का प्रतिदिन दर्शन करना पापनाशक माना गया है और इसका पूजन करना मोक्षदायक होता है. तुलसी पत्र से पूजन, यज्ञ, जप, हवन आदि करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. तुलसी के इतने धार्मिक महत्व के कारण ही अधिकांश हिंदू परिवार में तुलसी का पौधा अवश्य रहता है और लोग इसका पूजन भी करते हैं. तुलसी का पूजन करने का सही विधान भी जानना जरूरी है ताकि हम जो भी पूजा करते हैं उसका पूर्ण फल प्राप्त हो. ़

तुलसी की पत्ती तोड़ने के नियम 

- कभी भी स्नान किए बिना तुलसी पत्र को नहीं तोड़ना चाहिए. तुलसी दल हो या फिर कोई अन्य फूल आदि, स्नान कर स्वच्छ होने के बाद आचमन करना चाहिए. 

- तुलसी माता से प्रार्थना कर उनसे मन ही मन अनुमति प्राप्त लेकर ही तोड़ना चाहिए. 

- तुलसी का एक एक पत्ता न तोड़ कर सीधे किसी भी शाखा का अगला हिस्सा तोड़ना चाहिए. 

- तुलसी के पौधे में जो मंजरी लगती है वह तो सभी फूलों से बढ़ कर मानी जाती है. मंजरी तोड़ते समय उसमें पत्तियों का रहना आवश्यक होता है. 

- तुलसी दल को कभी भी सूर्यास्त के बाद नहीं तोड़ना चाहिए. 

इस मंत्र का करें जाप 

“तुलस्यमृतजन्मासि सदा त्वं केशवप्रिया, चिनोमि केशवस्यार्थे वरदा भव शोभने।

त्वदंड्गसंभवैः पत्रैः पूजयामि यथा हरिम, तथा कुरु पवित्रांड्गि कलौ मलविनाशिनी।।”

तुलसी की पत्ती को तोड़ने के पहले उपरोक्त मंत्र का पाठ तुलसी के पौधे के सामने हाथ जोड़ कर खड़े होकर करना चाहिए. इसके बाद पौधे को हिलाए बिना तुलसी के अग्रभाग को तोड़ना चाहिए, ऐसा करने से तुलसी पूजन का फल कई गुना बढ़ जाता है. जो फूल पत्ते और जल बासी हो जाते हैं उन्हें कभी भी किसी देवता को नहीं चढ़ाना चाहिए किंतु तुलसी दल और गंगाजल के बारे में यह नियम नहीं है. तुलसी दल और गंगाजल कभी बासी नहीं होता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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