Tripur Bhairavi Jayanti: त्रिपुर भैरवी जयंती को हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ माना गया है. यह जयंति मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा तिथी को मनाया जाता है. इस दिन माता के उग्र रूप भैरवी की पूजा की जाती है. बता दें कि माता भैरवी दस महाविद्याओं में से पांचवें नंबर पर हैं. पौराणिक धार्मिक मान्यताएं हैं कि माता भैरवी को भगवान भैरव की पत्नी हैं. वहीं भगवान भैरव शिव के उग्र रुप हैं.
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Tripur Bhairavi Jayanti: त्रिपुर भैरवी जयंती को हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ माना गया है. यह जयंति मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा तिथी को मनाया जाता है. इस दिन माता के उग्र रूप भैरवी की पूजा की जाती है. बता दें कि माता भैरवी दस महाविद्याओं में से पांचवें नंबर पर हैं. पौराणिक धार्मिक मान्यताएं हैं कि माता भैरवी को भगवान भैरव की पत्नी हैं. वहीं भगवान भैरव शिव के उग्र रुप हैं.
शत्रुओं का होता है नाश
मान्यता है कि माता भैरवी की पूजा करने से शुत्रुओं और गुप्त शत्रुओं का नाश होता है. इसके अलावा माता की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है. मान्यता है कि माता भैरवी की पूजा जो इंसान करता है वह सभी तरह के भयों से मुक्त होकर पृथ्वी पर रहता है.
कैसे करें माता त्रिपुर भैरवी की पूजा
इस दिन सुबह उठकर पवित्र स्नान कर लें. इसके बाद घर के मंदिर की अच्छे से साफ-सफाई करें. जिसके बाद माता की मूर्ति को लकड़ी के बने चौकी पर स्थापित कर लें. उसके बाद माता के आगे कलश की स्थापना करें. इतना करने के बाद श्रृंगार की सभी वस्तुएं भी अर्पित करें. इसके बाद कुमकुम का तिलक लगाते हुए लाल फूलों की माला अर्पित करें. जिसके बाद फल और प्रसाद के लिए मिठाई अर्पित कर दें.
भक्तों पर बरसाती हैं कृपा
माता के आगे तिल के तेल का दीपक लगाएं. इसके बाद त्रिपुरभैरवी के मंत्रों का जाप करते हुए उनकी आराधना करें. आराधना के बाद पूजा का समापन करने से पहले कपूर की आरती करें. क्योंकि पूजा के बाद अगर आरती नहीं करते हैं तो पूजा अधूरा माना जाता है और संपूर्ण फल की प्राप्ति नहीं होती है. ऐसा करने वाले भक्तों पर माता खूब कृपा बरसाती हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)