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Jyotirlinga in India: काशी के राजा विश्वनाथ से कुछ ही दूरी पर एक ऐसा प्राचीन शिव मंदिर है, जहां ज्योतिर्लिंग खुद प्रकट हुआ था. इस ज्योतिर्लिंग को 108 ज्योतिर्लिंग में से एक माना जाता है. सुल्तानपुर में स्थित इस प्राचीन शिव मंदिर में दर्शन करने के लिए पूरे साल दूर-दूर से भक्त आते हैं. यह शिव मंदिर 400 साल पुराना है और जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर विकास खण्ड भदैया के मुरारपुर गांव के हनुमानगंज-शुभगंज मार्ग पर स्थित है. इस मंदिर का कई बार जीर्णोद्धार हो चुका है.
सुल्तानपुर के इस शिव मंदिर को 108 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है. बताया जाता है कि यहां पर ज्योतिर्लिंग खुद प्रकट हुआ था, हालांकि इसका दूसरा सिरा अब भी खोजा नहीं जा सका है. मान्यता है कि इस मंदिर में जो भी सच्चे मन से अभिषेक-पूजा और प्रार्थना करता है, उसकी मुराद जरूर पूरी होती है. अपनी अर्ज लगाने के लिए लोग दूर-दूर से यहां आते हैं.
वैसे तो पूरे साल इस मंदिर में खासी भीड़ रहती है लेकिन सावन महीने में यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. सावन महीने में लोग शिवलिंग का जलाभिषेक करने के लिए लोग बड़ी संख्या में आते हैं. ग्रामीण बताते हैं यहां जिसने भी बाबा भोलेनाथ से जो मांगा है उसकी झोली बाबा ने जरूर भरी है. इसलिए पूरे सावन मास में तड़के सुबह से ही यहां भक्त पहुंचने लगते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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