पूजा के समय आसन पर बैठना क्‍यों जरूरी है? एक नहीं ढेर सारे हैं कारण!
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पूजा के समय आसन पर बैठना क्‍यों जरूरी है? एक नहीं ढेर सारे हैं कारण!

Puja ka Asan: पूजा-पाठ का पूरा फल पाना चाहते हैं और देवी-देवताओं की कृपा पाना चाहते हैं तो नियमों का पालन करना जरूरी है. इसमें पूजा के दौरान आसन के इस्‍तेमाल को लेकर नियम भी जान लें.

पूजा के समय आसन पर बैठना क्‍यों जरूरी है? एक नहीं ढेर सारे हैं कारण!

Importance of worship while sitting on aasan: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ को बड़ा महत्‍व दिया गया है. पूजा में उपयोग होने वाली सामग्री, पूजा करने का तरीका, भोग आदि को लेकर नियमों का पालन करना चाहिए. इसमें पूजा के समय इस्‍तेमाल होने वाला आसन भी शामिल है. नियमानुसान पूजा करने वाला और करवाने वाला एक विशेष आसन पर बैठता है. यह आसन कई तरह के हो सकते हैं. लेकिन यह जरूरी है कि पूजा करते समय बैठने के लिए आसन का उपयोग जरूर किया जाए. 

इन आसनों का करें इस्‍तेमाल 
 
आमतौर पर पूजा और मंत्र जाप के समय बैठने के लिए कुश के आसन के उपयोग को सबसे अच्‍छा माना गया है. इसके अलावा सूती, रेशमी या ऊनी आसन का इस्‍तेमाल भी किया जाता है. कुछ लोग लकड़ी की चौकी या घासफूस की चटाई का उपयोग भी करते हैं. लेकिन इस दौरान ध्‍यान रखना चाहिए कि पूजा करने से पहले स्‍थान को साफ और पवित्र कर लें, फिर साफ आसन बिछाकर उस पर बैठकर पूजा करें. गंदे या फटे-पुराने आसन पर बैठकर पूजा नहीं करनी चाहिए. 

पूजा में आसन का उपयोग क्‍यों जरूरी? 

पूजा करते समय आसन पर बैठना क्‍यों जरूरी है, इसके पीछे कई कारण बताए गए हैं. 
 
- पूजा करते समय आसन बिछाकर बैठना देवी-देवताओं के प्रति सम्मान प्रकट करने का एक तरीका है. साथ ही मान्‍यता है कि आसन पर बैठकर पूजा-अनुष्ठान करने से ज्ञान, सौभाग्य, शांति, धन और सिद्धि की प्राप्ति होती है.
 
- आसन पर बैठकर पूजा करने से व्‍यक्ति आरामदायक महसूस करता है और उसका पूरा ध्‍यान पूजा में रहता है. साथ ही आसन पर बैठकर पूजा करने से मन में श्रद्धा, पवित्रता और धार्मिकता का भाव रहता है. 
 
- पूजा करते समय आसन पर बैठने से व्‍यक्ति की शारीरिक स्वच्छता बनी रहती है. इससे उसे पूजा का पूरा फल पाने में रुकावट नहीं आती है. 
 
- आसन पर बैठकर पूजा-अर्चना करने से पृथ्वी और आकाश की ऊर्जा के बीच संतुलन बना रहता है और यह हमारे शरीर और मन को शांत करता है. इससे मन एकाग्र रहता है, जिससे व्‍यक्ति शांत चित्‍त और एकाग्रता से पूजा-पाठ कर पाता है. 
 
- पृथ्वी में चुंबकीय बल है. जब कोई व्यक्ति मंत्रों के साथ पूजा करता है तो उसके अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. माना जाता है कि यदि व्‍यक्ति आसन पर ना बैठे तो उसकी ऊर्जा पृथ्वी में समा जाती है और उस व्‍यक्ति को पूजा-पाठ से मिली सकारात्‍मकता का पूरा लाभ नहीं मिल पाता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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