हिंदू धर्म-शास्त्रों के मुताबिक भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने कठोर तप किया था. हरतालिका तीज का व्रत भी मनपसंद पति और खुशहाल वैवाहिक जीवन पाने के लिए किया जाता है और इस दिन शिव-पार्वती की पूजा की जाती है. साथ ही बिना कुछ खाए-पिए निर्जला व्रत किया जाता है. इस व्रत में कुछ भी खाने-पीने की मनाही होती है.
हरतालिका तीज की पूजा करते समय पूरी पूजा सामग्री जरूर उपयोग करें. इसमें शिव जी को उनके प्रिय आक के फूल, बेल पत्र, इत्र चढ़ाएं. वहीं माता पार्वती को श्रृंगार चढ़ाएं. वरना पूजा अधूरी रह जाएगी.
हरतालिका तीज के व्रती महिलाओं-लड़कियों को हरे रंग के कपड़े पहनना चाहिए. हाथों में मेहंदी सजाना चाहिए, श्रृंगार करना चाहिए. ऐसा करना बहुत शुभ माना जाता है. लाल रंग पहनना भी अच्छा होता है. ये भी सौभाग्य का कलर है, लेकिन इस दिन काला या सफेद रंग बिल्कुल न पहनें.
हरतालिका तीज की पूजा के बाद व्रत की कथा जरूर सुनें. बिना पूरी पूजा के इस व्रत का फल नहीं मिलेगा.
हरतालिका तीज की व्रती महिलाएं इस दिन ना तो किसी को बुरा-भला कहें और ना ही मन में बुरे विचार लाएं. इस दिन गुस्सा बिल्कुल भी न करें. अपना ज्यादा से ज्यादा समय भगवान की भक्ति में लगाएं. ना ही व्रत के दिन सोएं. ना ही पति-पत्नी आपस में विवाद करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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