Navratri 2023 Nariyal Puja: हिन्दू धर्म में नारियल का बहुत महत्व है. धार्मिक मान्याताओं के अनुसार, गृह प्रवेश, नये गाड़ी खरीदने पर और अन्य शुभ कार्य के लिए नारियल का प्रयोग बहुत महत्वपूर्ण है. ऐसे हीं नवरात्रि में भी नारियल चढ़ाना शुभ माना जाता है.
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Navratri 2023 Nariyal Puja: नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसमें देवी दुर्गा की उपासना की जाती है. इस अवसर पर नारियल चढ़ाने का विशेष महत्व है. नारियल को पूजा में शुभ और पवित्र माना जाता है, जो भगवान और देवी-देवताओं के प्रति समर्पण का प्रतीक है. नारियल का कठोर छिलका जीवन की कठिनाइयों और परीक्षाओं को दर्शाता है, जबकि अंदर का मीठा भाग जीवन की सच्चाई और आत्मा की शुद्धता को प्रकट करता है. इस प्रकार, नारियल चढ़ाने का महत्व न केवल पूजा-अर्चना में है, बल्कि यह भक्त के आध्यात्मिक जीवन की गहराई और समर्पण का भी प्रतीक है.
श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक
भारतीय संस्कृति और धार्मिक विश्वासों में नारियल का विशेष स्थान है. प्रत्येक पूजा और अनुष्ठान में नारियल का उपयोग किया जाता है और इसे भगवान को प्रसाद के रूप में प्रस्तुत किया जाता है. नारियल को भगवान के प्रति हमारी श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक माना जाता है. हालांकि, कई बार ऐसा होता है कि जब पूजा में चढ़ाया गया नारियल तोड़ते हैं, तो वह खराब या सूखा निकलता है. पूजा में चढ़ाया हुआ नारियल खराब देखकर कई लोग घबरा जाते हैं और इसे अशुभ मानते हैं. वे समझते हैं कि शायद भगवान नाराज हैं और इसका प्रभाव उनके जीवन पर भी पड़ेगा.
शुभ होता खराब नारियल
लेकिन, कुछ धार्मिक मान्याताओं के अनुसार, अगर पूजा में चढ़ाया गया नारियल खराब या सूखा निकलता है, तो इसे अशुभ नहीं बल्कि शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि जब नारियल खराब या सूखा निकलने का मतलब यह है कि भगवान ने प्रसाद को स्वीकार किया है और अब वह उसे अपने पास रख लिया है. यह वही कारण है कि नारियल अंदर से सूख जाता है.
मां लक्ष्मी का प्रतीक
इस मान्याता के पीछे का आधार यह भी है कि नारियल मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, जो समृद्धि और सौभाग्य की देवी हैं. जब नारियल खराब निकलता है, इसका मतलब यह समझा जाता है कि मां लक्ष्मी ने आपकी आराधना को स्वीकार किया है और आपकी मनोकामनाएं जल्द ही पूरी होने वाली हैं.
सही नारियल को बांट दे
दूसरी ओर, अगर पूजा में चढ़ाया गया नारियल सही निकलता है, तो ऐसे में उस प्रसाद को सभी के बीच बांट देना चाहिए. इस प्रक्रिया को भी शुभ माना जाता है, क्योंकि इससे समाज में सद्भाव और एकता की भावना बढ़ती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)