Masik Shivratri 2023: मासिक शिवरात्रि पर जीवन के सारे कष्ट होंगे दूर, करें इस शक्तिशाली स्तोत्र का पाठ
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Masik Shivratri 2023: मासिक शिवरात्रि पर जीवन के सारे कष्ट होंगे दूर, करें इस शक्तिशाली स्तोत्र का पाठ

Shivratri 2023: अगर आप भी अपने जीवन के संकटों का नाश करना चाहते हैं तो मासिक शिवरात्रि पर विधि-विधान से भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती का पूजन करें. इसके साथ ही पूजन के समय इस स्तोत्र का पाठ करना बेहद फलदायी होता है. यहां पढ़िए पूरी शिव स्तुति.

 

Masik Shivratri 2023: मासिक शिवरात्रि पर जीवन के सारे कष्ट होंगे दूर, करें इस शक्तिशाली स्तोत्र का पाठ

Masik Shivratri 2023 In Hindi: कल यानि कि 11 दिसंबर को मासिक शिवरात्रि मनाई जाने वाली है. हिंदू पंचांग के अनुसार मासिक शिवरात्रि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. मासिक शिवरात्रि का दिन भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती को समर्पित होता है. इसलिए इस दिन पूजा-अर्चना और व्रत किया जाता है. इस दिन जो व्यक्ति व्रत धारण करता है उसको जीवन में सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. वहीं जिन लोगों के विवाह में अड़चन आ रही होती है इस व्रत को रखने से शीघ्र विवाह के योग बनने लगते हैं. हिंदू शास्त्रों में वर्णित है कि भगवान भोलेनाथ बहुत दयालु हैं इसलिए मात्र  जलाभिषेक से भक्त से प्रसन्न हो जाते हैं. भक्त पर भगवान भोलेनाथ की कृपा दृष्टि से जीवन के सारे दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं. अगर आप भी अपने जीवन के संकटों का नाश करना चाहते हैं तो मासिक शिवरात्रि पर विधि-विधान से भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती का पूजन करें. इसके साथ ही पूजन के समय इस स्तोत्र का पाठ करना बेहद फलदायी होता है. यहां पढ़िए पूरी शिव स्तुति.

शिव स्तुति
जय शिवशंकर, जय गंगाधर, करुणा-कर करतार हरे,
जय कैलाशी, जय अविनाशी, सुखराशि, सुख-सार हरे
जय शशि-शेखर, जय डमरू-धर जय-जय प्रेमागार हरे,
जय त्रिपुरारी, जय मदहारी, अमित अनन्त अपार हरे,
निर्गुण जय जय, सगुण अनामय, निराकार साकार हरे,
पार्वती पति हर-हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे॥
जय रामेश्वर, जय नागेश्वर वैद्यनाथ, केदार हरे,
मल्लिकार्जुन, सोमनाथ, जय, महाकाल ओंकार हरे,
त्र्यम्बकेश्वर, जय घुश्मेश्वर भीमेश्वर जगतार हरे,
काशी-पति, श्री विश्वनाथ जय मंगलमय अघहार हरे,
नील-कण्ठ जय, भूतनाथ जय, मृत्युंजय अविकार हरे,
पार्वती पति हर-हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे॥
जय महेश जय जय भवेश, जय आदिदेव महादेव विभो,
किस मुख से हे गुणातीत प्रभु! तव अपार गुण वर्णन हो,
जय भवकारक, तारक, हारक पातक-दारक शिव शम्भो,
दीन दुःख हर सर्व सुखाकर, प्रेम सुधाकर की जय हो,
पार लगा दो भव सागर से, बनकर करूणाधार हरे,
पार्वती पति हर-हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे॥
जय मनभावन, जय अतिपावन, शोकनशावन, शिव शम्भो
विपद विदारन, अधम उदारन, सत्य सनातन शिव शम्भो,
सहज वचन हर जलज नयनवर धवल-वरन-तन शिव शम्भो,
मदन-कदन-कर पाप हरन-हर, चरन-मनन, धन शिव शम्भो,
विवसन, विश्वरूप, प्रलयंकर, जग के मूलाधार हरे।,
पार्वती पति हर-हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे॥
भोलानाथ कृपालु दयामय, औढरदानी शिव योगी,
सरल हृदय,अतिकरुणा सागर, अकथ-कहानी शिव योगी,
निमिष मात्र में देते हैं,नवनिधि मन मानी शिव योगी,
भक्तों पर सर्वस्व लुटाकर, बने मसानी शिव योगी,
स्वयम्‌ अकिंचन,जनमनरंजन पर शिव परम उदार हरे,
पार्वती पति हर-हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे॥
आशुतोष! इस मोह-मयी निद्रा से मुझे जगा देना,
विषम-वेदना, से विषयों की मायाधीश छुड़ा देना,
रूप सुधा की एक बूँद से जीवन मुक्त बना देना,
दिव्य-ज्ञान- भंडार-युगल-चरणों को लगन लगा देना,
एक बार इस मन मंदिर में कीजे पद-संचार हरे,
पार्वती पति हर-हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे॥
दानी हो, दो भिक्षा में अपनी अनपायनि भक्ति प्रभो,
शक्तिमान हो, दो अविचल निष्काम प्रेम की शक्ति प्रभो,
त्यागी हो, दो इस असार-संसार से पूर्ण विरक्ति प्रभो,
परमपिता हो, दो तुम अपने चरणों में अनुरक्ति प्रभो,
स्वामी हो निज सेवक की सुन लेना करुणा पुकार हरे,
पार्वती पति हर-हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे॥
तुम बिन ‘बेकल’ हूँ प्राणेश्वर, आ जाओ भगवन्त हरे,
चरण शरण की बाँह गहो, हे उमारमण प्रियकांत हरे,
विरह व्यथित हूँ दीन दुःखी हूँ दीन दयालु अनंत हरे,
आओ तुम मेरे हो जाओ, आ जाओ श्रीमंत हरे,
मेरी इस दयनीय दशा पर कुछ तो करो विचार हरे,
पार्वती पति हर-हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे॥

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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