Mahakumbh 2025: महाकुंभ की तैयारियों के बीच अखाड़ों के जमीन आवंटन के बाद संतों का भूमि पूजन का सिलसिला शुरू हो गया है. इसी कड़ी में शुक्रवार को श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी ने शुभ मुहूर्त में भूमि पूजन किया.
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Mahakumbh 2025: महाकुंभ की तैयारियों के बीच अखाड़ों के जमीन आवंटन के बाद संतों का भूमि पूजन का सिलसिला शुरू हो गया है. इसी कड़ी में शुक्रवार को श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी ने शुभ मुहूर्त में भूमि पूजन किया. इस अवसर पर वेद पाठियों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन यज्ञ कर भूमि पूजन किया गया.संतों ने मां गंगा, यमुना सरस्वती से 2025 महाकुंभ के निर्विघ्न रूप से संपन्न होने की प्रार्थना भी की.
अखाड़ा के महंत ने क्या कहा
भूमि पूजन के साथ ही अखाड़े में होने वाले तमाम अनुष्ठानों का सिलसिला भी शुरू हो जाता है. इस अवसर पर श्री पंचायती महानिवासी अखाड़ा के महंत यमुना पुरी ने बताया कि विक्रम संवत 2081 का महाकुंभ पर्व लग रहा हैं. इसके तहत हम अपने कुंभ मेला क्षेत्र पर श्री पंचायती महानिवासी अखाड़ा में भूमि पूजन किया. जहां हम हम पूजन कर रहे हैं वह मां गंगा, यमुना, सरस्वती की पवित्र भूमि हैं.
यहां सभी देवताओं की होती है पूजा
उन्होंने आगे बताया कि तीर्थ राज प्रयाग के समस्त देवताओं, क्षेत्रपाल आदि सबकी पूजा होती हैं. इसके बाद ही भगवान गणपति का नाम लेकर सभी कार्य शुरू किए जाते हैं. श्री पंचायती महानिवासी अखाड़ा के इष्ट भगवान विष्णु के चौबीस अवतारों में से पांचवें अवतार सिद्ध मुनिश्वर भगवान कपिल महामुनि जी हैं.
भूमि पूजन के बाद क्या होगा?
अखाड़ा के महंत ने बताया कि भूमि पूजान के बाद अब उनका मंदिर देवालय बनेगा. इसके बाद साधु संत के बैठने की और सभा करने की एक व्यवस्था है. भंडार, लंगर आदि की व्यवस्थाएं हैं. साधु संतों के ठहरने की व्यवस्थाएं हैं. हम लोग यह सब आज के दिन से प्रारंभ कर देंगे, मतलब निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा.
22 दिसंबर को है इस अखाड़े का धर्मध्वज
महंत यमुना पुरी की जानकारी के अनुसार, श्री पंचायती महानिवासी अखाड़ा धर्मध्वज 22 दिसंबर को है और कुंभ मेला प्रवेश यात्रा दो जनवरी को है. शुक्रवार को अखाड़े के भूमि पूजन में सभी अखाड़ों के साधु-संत महात्मा और उत्तराधिकारी सभी यहां विराजमान हैं. यह पूजन आने वाले कुंभ की शुभकामनाओं के साथ में किया गया है. (IANS इनपुट के साथ)