Chattisgarh News: मातारानी के प्रति आस्था की एक अनोखी तस्वीर देखने मिली है. छत्तीसगढ़ के राजनादगांव जिले में स्थित डोंगरगांव के पास स्थित एक छोटे से गांव मारगांव में जमा के निवासी युवक हरीशचंद्र ने अपने घर के आंगन में खुद को समाधिस्थ करा लिया.
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Chaitra Navratri 2024: नवरात्र के दौरान लोग मातारानी के प्रति अपनी जताने के लिए आस्था ज्योति प्रज्ज्वलित करते हैं. इसके अलावा नौ दिनों तक भक्ति भाव के साथ पूजा अर्चना और व्रत रखते हैं. मातारानी के प्रति आस्था की एक अनोखी तस्वीर देखने मिली है. छत्तीसगढ़ के राजनादगांव जिले में स्थित डोंगरगांव के पास स्थित एक छोटे से गांव मारगांव में जमा के निवासी युवक हरीशचंद्र ने अपने घर के आंगन में खुद को समाधिस्थ करा लिया.
गुरु से मिली प्रेरणा
गांव में जब समाधिस्थ की खबर पता लगी तो आसपास के क्षेत्रों से हरीश के घर लोगो की भीड़ लगने लगी. इसके बाद पूजा अर्चना का दौर शुरू हो गया. जिला प्रशासन और पुलिस तक इसकी खबर पहुंचने के बाद पुलिस और मेडिकल टीम भी मौके पर पहुंची और इस मामले की जानकारी ली.
डोंगरगांव स्वास्थ्य केंद्र के डाक्टरों की टीम द्वारा युवक का रोज स्वास्थ्य परीक्षण कर उसके स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है. युवक हरीश चंद्र से जब जी मीडिया ने बात की तो उसका कहना था कि उसके गुरु से प्रेरणा मिली और उसकी अपनी मनोकामना भी है इस कारण से उसने समाधी ली. लेकिन वह मनोकामना को सार्वजनिक नही करना चाहता.
नवरात्रि के पहले दिन ली समाधि
अपने मां बाप की इकलौती संतान हरीशचंद्र की उम्र महज 23 साल है घर पर पिता और बुजुर्ग दादी हैं. हरीशचंद्र भिलाई की एक कंपनी में गैस कटर का काम करता है. हरीशचंद्र की समाधी लेने के बाद उसके घर के बाहर सुबह से लेकर रात तक लोगों का आना जारी है.
गांव के लोगों का कहना है कि इसके बारे में किसी को भी कुछ पता नहीं था. नवरात्र के पहले दिन हरीश चंद्र ने घर के आंगन में एक गड्ढा खोदा और समाधी ले ली. इसके बाद गांव के लोगों ने वहां पंडाल लगाकर पूजा अर्चना शुरू करा दी.
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स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रख रही मेडिकल टीम
दो दिनों से हो रही बारिश की वजह से भी परेशानियां बढ़ीं लेकिन मातारानी की आस्था के सामने सारी बाधाएं ग्रामीणों ने आपस में सहयोग कर समस्याओं को दूर कर लिया. हरीशचंद्र की समाधी को लेकर चिकित्सा विज्ञान क्या कहता है इसे लेकर राजनादगांव के मुख्य स्वास्थ्य व चिकित्सा अधिकारी डा नेतराम नवरतन ने कहा कि मिट्टी के भीतर शरीर रहने से इचिंग, इंफेक्शन हो सकते हैं.
इस मामले में मेडिकल टीम द्वारा लगातार जांच की जा रही है. युवक का बीपी, नर्व और सारे फंक्शन अभी तक बराबर कार्य कर रहे हैं. इन नौ दिनों के भीतर स्वास्थ्य में कोई परेशानी आती है तो मेडिकल ग्राउंड पर अस्पताल में दाखिल करने के प्रयास किए जाएंगे.
(रिपोर्ट-प्रशांत मिश्रा)