Deepawali 2023: व्यापार कारोबार में वृद्धि हो इसके लिए धनतेरस से लेकर कार्तिक शुक्ल द्वितीया तक दीवाली उत्सव मनाया जाता है. निर्णय सागर पंचांग के अनुसार इस बार 10 नवंबर को धनतेरस, 12 को नरक चतुर्दशी और दीपावली, 14 को अन्नकूट और गोवर्धन तथा 15 को दूज मनाई जाएगी.
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Deepotsav 2023: पंच दिवसीय महापर्व में हर दिन का होता है अपना अलग महत्व, इस लेख को पढ़कर आप भी जान सकते दीपावली को पंच दिवसीय पर्व कहा जाता है और प्रत्येक दिन का अपना जबर्दस्त महत्व है. कार्तिक मास में अमावस्या के दिन दीपावली का मुख्य पर्व होता है जो कमला जयंती या लक्ष्मी जयंती के नाम से प्रसिद्ध है. मत्स्य पुराण के अनुसार लक्ष्मी जी की आरती करने को दीपावली कहते हैं. धन लाभ के लिए दीपावली का समय परम सिद्धिदायक माना गया है, इस रात्रि में सिद्धि सरलता से मिल जाती है. धन एवं समृद्धि बढ़े, दरिद्रता से मुक्ति मिले, व्यापार कारोबार में वृद्धि हो इसके लिए धनतेरस से लेकर कार्तिक शुक्ल द्वितीया तक दीवाली उत्सव मनाया जाता है. निर्णय सागर पंचांग के अनुसार इस बार 10 नवंबर को धनतेरस, 12 को नरक चतुर्दशी और दीपावली, 14 को अन्नकूट और गोवर्धन तथा 15 को दूज मनाई जाएगी.
क्या है पंच दिवसीय महापर्व?
त्रयोदशी - इस पंच दिवसीय महापर्व का प्रारंभ त्रयोदशी से होता है और अमावस्या के बाद दूज के दिन से इसकी पूर्णता होती है. सबसे पहले त्रयोदशी आती है जिसे धन त्रयोदशी भी कहा जाता है, इस दिन देवताओं के कैशियर यानी कुबेर जी और आरोग्य के देवता आयुर्वेद के महान चिकित्सक धन्वंतरि जी की उपासना होती है. उन्हें विष्णु जी का अवतार भी माना जाता है.
नरक चतुर्दशी - इसके बाद आती है चतुर्दशी की तिथि जिसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है, इस दिन जल के देवता वरुण, मृत्यु के देवता यम एवं भगवान श्री राम के अनन्य भक्त चिरंजीवी और सभी के कष्टों को हरने वाले संकट मोचन हनुमान जी की उपासना होती है. इस दिन घर में रखे श्री हनुमान जी के विग्रह पर सिंदूर का चोला चढ़ाने के बाद हनुमान चालीसा का सौ बार पाठ करना चाहिए.
दीपावली - इसके बाद आता है दीपावली का मुख्य पर्व जो कार्तिक अमावस्या को होता है. इसमें प्रथम देवता श्री गणेश जी एवं महालक्ष्मी जी का पूजन किया जाता है. अमावस्या की रात्रि पूरी तरह से अंधकारमय होती है, इस रात्रि में महानिशीथ काल होता है इसलिए पूर्ण अंधकार के शांत वातावरण में लक्ष्मी की उपासना की जाती है.
गोवर्धन पूजा - अगला दिन यदि कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा गोवर्धन पूजा और अन्न देवता के देवता के नाम रहता है.
दूज - दूज का दिन यम और उनकी बहन यमुना के साथ ही सृष्टि का लेखा जोखा रखने वाले भगवान चित्रगुप्त के नाम है और उनकी पूजा की जाती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)