गीता जयंती 2022: घर में रखी है श्रीमद्भागवत गीता तो जरूर पालन करें ये नियम, वरना झेलेंगे बड़ा नुकसान!
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गीता जयंती 2022: घर में रखी है श्रीमद्भागवत गीता तो जरूर पालन करें ये नियम, वरना झेलेंगे बड़ा नुकसान!

Gita Jayanti date 2022: मार्गशीर्ष महीने के शुक्‍ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी को गीता जयंती मनाई जाती है, जो कि इस साल 3 दिसंबर शनिवार को है. इस मौके पर घर में श्रीमद्भागवत गीता रखने के कुछ नियम जरूर जान लें. 

फाइल फोटो

Geeta Jayanti kab hai: हिंदू धर्म में वेद-पुराणों की तरह कई ग्रंथों को भी बहुत महत्‍व दिया गया है, जिसमें श्रीमद्भागवत गीता प्रमुख है. मार्गशीर्ष महीने के शुक्‍ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी के दिन गीता जयंती मनाई जाती है. इस साल 3 दिसंबर 2022, शनिवार को गीता जयंती मनाई जाएगी. भारत के अधिकांश घरों में श्रीमद्भागवत गीता पूजा स्थान पर रखी जाती है और रोज इसकी पूजा भी की जाती है. कई लोग रोज गीता पढ़ते हैं. वास्‍तु शास्‍त्र में भी घर में पूरे सम्‍मान के साथ श्रीमद्भागवत गीता रखना शुभ बताया गया है लेकिन गीता को रखने में की गई कुछ गलतियां नुकसान का कारण भी बनती हैं. लिहाजा गीता जयंती के मौके पर घर में सही तरीके से गीता रखने के नियम जान लेना बेहतर होगा. 

घर में श्रीमद्भागवत गीता रखने के जरूरी नियम 

- यदि घर में श्रीमद्भागवत गीता रख रहे हैं तो घर की पवित्रता का विशेष ध्यान रखें. घर की समय-समय पर साफ-सफाई करते रहें. खासकरके जहां गीता रखी हों, वहां की सफाई और पवित्रता का ध्‍यान रखें. 

- जिस कमरे में श्रीमद्भागवत गीता रखी हो, वहां कभी भी जूते-चप्‍पल पहनकर नहीं जाएं. ना ही चमड़े का कोई सामान रखें. घर में नॉनवेज-शराब जैसी तामसिक चीजें न लाएं. ऐसा करना बहुत अशुभ फल देता है. 

- कभी भी बिना स्नान किए गीता को स्पर्श न करें. ना ही जन्‍म-मृत्‍यु के समय लगने वाली सूतक के समय गीता को छुएं. यहां तक कि मंदिर में जहां गीता रखी हो, उसकी सफाई भी स्‍नान करने के बाद ही करें. जरूरी हो तो सफाई के बाद फिर से स्‍नान कर लें. 

- श्रीमद्भागवत गीता बेहद पवित्र ग्रंथ हैं, जिसे कभी भी जमीन पर न रखें. इसे हमेशा स्‍टैंड या चौकी आदि पर सम्‍मान से रखें. गीता को हर समय खुला नहीं रखें. पढ़ने के बाद गीता को बंद करके उसे लाल कपड़े में लपेटकर रखें. कपड़ा भी साफ और अच्‍छा होना चाहिए. फटे हुए या रंग उड़े खराब कपड़े में गीता को न लपेटें. 

- जब भी गीता का पाठ करें तो बीच में न उठें. ना ही कोई अध्‍याय अधूरा छोड़ें. उस अध्‍याय को पूरा करें और अगली बार नया अध्‍याय से शुरुआत करें. साथ ही गीता पढ़ते समय अपने मन को शांत रखें और बुरे विचारों से बचें. एकादशी के दिन गीता पाठ जरूर करें. इससे बहुत शुभ फल मिलता है. 
 
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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