Bhadrapada Month 2022: भाद्रपद माह में भूलकर भी न करें ये काम, पुण्य की जगह मिलता है पाप
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Bhadrapada Month 2022: भाद्रपद माह में भूलकर भी न करें ये काम, पुण्य की जगह मिलता है पाप

Bhadrapada Month Rules: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर माह का अपना महत्व बताया जाता है. हर माह किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है. उस माह में पूजा-पाठ करने से उन देवता की कृपा प्राप्त होती है. लेकिन हर माह को लेकर कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं. जानें भाद्रपद माह के जरूरी नियम. 

 

bhadrapad month 2023

What To Do In Bhadrapada Month 2023: हिंदू धर्म में चतुर्मास का विशेष महत्व है. चतुर्मास माह का दूसरा महीना भाद्रपद माह होता है. इसे भादों के नाम से भी जाना जाता है. बता दें कि भाद्रपद माह की शुरुआत 31 अगस्त से हुई है. इस माह में भगवान श्री कृष्ण की जन्माष्टमी, हरतालिका तीज, गणेश चतुर्थी, अनंत चतुर्दशी, कजरी तीज जैसे महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार भी इस माह में आते हैं. 

बता दें कि भाद्रपद माह भगवान श्री कृष्ण की पूजा को समर्पित है. कहते हैं कि इस माह में सच्चे मन से लड्डू गोपाल की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. जीवन में आ रहे सभी प्रकार के दुख दूर होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. लेकिन भाद्रपद माह को लेकर शास्त्रों में कुछ नियमों का जिक्र किया गया है. जानें भादों माह में क्या करें और क्या नहीं. 

भाद्रपद में न करें ये काम 

- ईश्वर भक्ति के लिए भाद्रपद को हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ माना गया है. ये माह पुण्यदायी महीना है.ऐसे में इन दिनों में कुछ चीजों को करने से व्यक्ति पाप का भागीदार बनता है.  

-  ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भाद्रपद माह में ईश्वर की पूजा, जप और व्रत आदि का विशेष महत्व बताया गया है. इस माह में ब्रह्मचर्य व्रत का पालन अवश्य करना चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि इस माह में तामसिक चीजों का सेवन बिल्कुल न करें. 

- मान्यता है कि भाद्रपद माह में पाप से मुक्ति और पुण्य की प्राप्ति की कामना की जाती है. इस माह में पाप से मुक्ति की कामना करते  हुए साधकों को पलंग पर नहीं सोना चाहिए. इस माह में किसी को अपशब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और झूठ बोलने से परहेज करना चाहिए. 

- कहते हैं कि इस माह में विवाह, सगाई, गृह निर्माण आदि की शुरुआत जैसे कार्य भूलकर भी नहीं करने चाहिए.

- इतना ही नहीं, भाद्रपद माह में व्यक्ति को पूजा के नियमों के साथ-साथ खान-पान के नियमों का भी पालन करना चाहिए. इस दौरान गुड़, दही और इससे बनी चीजों के सेवन से बचें. 

भाद्रपद माह में क्या करें

- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जो जातक पुण्य की कामना रखते हैं उन्हें इस माह में दिन में दो बार स्नान करना चाहिए. साधक को प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठना चाहिए. सायंकाल में ईश्वर की पूजा से पहले एक बार फिर से स्नान करें. 

- अगर आप भगवान श्री कृष्ण की पूजा कर रहे हैं, तो उनकी पूजा करते समय उन्हें भोग में गाय के दूध से बने पंचामृत और प्रसाद का ही प्रयोग करें. इस दौरान इस बात का ध्यान रखें कि पूजा में तुलसी के पत्तों का खासतौर से इस्तेमाल करें.    

- भादो माह में भगवान श्री कृष्ण की पूजा में शंख, चंदन और मोरपंथ का प्रयोग अवश्य करें. साथ ही, उनकी पूजा में मंत्रों का जाप करें. इसके लिए चंदन, तुलसी या फिर वैजयंती की माला का इस्तेमाल करें.   

- शास्त्रों के अनुसार भाद्रपद माह में भगवान श्री कृष्ण की कृपा पाने के लिए श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करनें या सुनें. 

- इस माह में ज्यादा से ज्यादा गौसेवा और गौपूजन करना चाहिए. अगर संभव हो तो नियमित रूप से जल में कुछ बूंदे गोमूत्र की मिलाकर पूजन करना चाहिए. इस उपाय को करने से व्यक्ति के जीवन से जुड़े सभी दोष दूर होते हैं.  

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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