Premanand Maharaj on Untimely Death: जिसने भी इस दुनिया में जन्म लिया है, उसकी एक दिन मृत्यु होना भी तय है. हालांकि अगर किसी की वक्त से पहले अकाल मृत्यु हो तो पूरा परिवार हिल जाता है. लेकिन एक ऐसी चीज है, जिसे पीने से यह समस्या नहीं होती है.
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Premanand Maharaj on benefits of Charanamrit: आज के भागमभाग भरे दौर में जिंदगी इतनी अनिश्चित हो गई है कि इंसान शाम को जब तक काम से घर नहीं लौट आता, तब तक परिवार के लोगों को चिंता सताती रहती है. शरीर में पनप रही नई-नई बीमारियां ही नहीं, सड़क पर राह चलते दुर्घटनाओं का डर भी लोगों को डराता रहता है. ऐसे टेंशन भरे माहौल में एक ऐसी चीज भी है, जिसे अगर आप रोजाना सुबह पीकर निकल जाएं तो अकाल मृत्यु नहीं आती है. आध्यात्मिक संत प्रेमानंद महाराज ने इसका रहस्य उजागर किया है. आपको भी इस रहस्य के बारे में जानना चाहिए.
चरणामृत पीने के कई फायदे
प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj Ji) के मुताबिक वह चमत्कारिक चीज और कुछ नहीं बल्कि चरणामृत है. जिस जल को भगवान पर अर्पित किया जाता है, उसे चरणामृत किया जाता है. तांबे के बर्तन में भरे उस जल में तुलसी के पत्ते मिलाए जाते हैं, इसके बाद उसे श्रद्धालुओं में वितरित किया जाता है. सनातन धर्म में चरणामृत को बेहद पवित्र माना गया है.
लंबे वक्त तक निरोगी रहता है शरीर
कई शास्त्रीय ग्रंथों में चरणामृत की महत्ता का उल्लेख किया गया है. प्रेमानंद महाराज ने भी अपने प्रवचन में चरणामृत के कई फायदे बताए हैं. वे कहते हैं कि चरणामृत में बहुत शक्ति होती है. जो व्यक्ति नियमित रूप से चरणामृत ग्रहण करता है, उसे कोई भी रोग जल्दी से नहीं घेरता और लंबे वक्त तक निरोगी जीवन व्यतीत करता है.
मिल जाती है जन्म- मृत्यु से मुक्ति
प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj Ji) के अनुसार, प्रतिदिन चरणामृत पीने से मनुष्य को जन्म-मृत्यु के चक्र से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाती है और वह मोक्ष को प्राप्त करता है. यानी कि उसका पुर्नजन्म नहीं होता और वह जीवन में खुशी-गम के दौर से हमेशा के लिए पार हो जाता है.
अकाल मृत्यु का नहीं करना पड़ता सामना
आध्यात्मिक संत प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj Ji) कहते हैं कि भगवान पर अर्पित होने की वजह से चरणामृत में दैवीय शक्तियों का संचार होने लगता है. इसे ग्रहण करने से मनुष्य सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर रहता है और उसे अकाल मृत्यु का सामना नहीं करना पड़ता. उसके अंदर दिव्य गुणों का विकास होने लगता है और वह हिंसा- गलत आदतों से दूर रहता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)