Trending Photos
Pearl Benefits: बहुत से लोग होते हैं जिन्हें पर्ल यानी मोती की ज्वैलरी पहनना पसंद होता है. मोती का रत्न शास्त्र में भी बहुत महत्व है. मोती धारण करने से ग्रहों के दुष्प्रभाव और जीवन में आ रही परेशानियों से मुक्ति पाई जा सकती है. रत्न शास्त्र में कई प्रकार के रत्नों का जिक्र मिलता है हर रत्न का किसी न किसी ग्रह से संबंध होता है. जिसे धारण करके व्यक्ति कई समस्याओं से निजात पा सकता है. हालांकि इसे धारण करने से पहले इसके बारे में पूरी जानकारी होना जरूरी है. अगर आप भी मोती धारण करते हैं तो सबसे पहले जान लें इसके धारण करने की विधि और अन्य नियम.
किन लोगों को धारण करना चाहिए?
मोती का संबंध चंद्र से माना जाता है. जो शीतला प्रदान करता है. वहीं चंद्र को मन का कारक माना जाता है. जिन लोगों की कुंडली में चंद्र की स्थिति कमजोर हो उन लोगों को मोती धारण करना चाहिए. चंद्र के कमजोर होने पर व्यक्ति को मानसिक तनाव, नकारात्मक विचार, आत्मविश्वास में कमी आदि की समस्या होती है.
ग्रहों का संबंध राशियों से भी होता है इसलिए कुछ राशिवालों के लिए मोती लाभदायक तो कुछ के लिए नुकसान भी कर सकता है. कुंडली में चंद्र की स्थिति देखकर मोती धारण किया जाता है. हालांकि कुछ राशिवालों के लिए मोती फायदेमंद माना जाता है. जैसे मेष, कर्क, मीन और वृश्चिक.
कैसे धारण करें?
मोती की अंगूठी को सोमवार के दिन धारण करना चाहिए. इसे धारण करने के लिए इसे चांदी के अंगूठी लगवाना चाहिए. मोती अंगूठी धारण करते समय सबसे पहले इसे कच्चे दूध या फिर गंगाजल में डुबाकर रखें फिर हाथ जोड़कर ‘ओम श्राम श्रीम श्रौम सः चंद्रमसे नमः' का 108 बार जाप करना चाहिए. इसके बाद विधि-विधान से शिवजी की पूजा करके इसे सबसे छोटी उंगली में धारण करना चाहिए.
मोती पहनने के फायदे
मोती को चंद्र से जोड़कर देखा जाता है जो शीतलता प्रदान करता है. इससे धारण करने से मन स्थिर रहता है. बुरे विचार मन में नहीं आते.
मोती धारण करने से आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है. व्यक्ति निजर रहता है. किसी की फैसले को लेते हुए और मन में डर और हिचकिचाहट नहीं होती.
मोती धारण करने से दिमाग भी तेज होता है. व्यक्ति जीवन में तरक्की करता है. इसके साथ ही इसे धारण करने से मन शांत रहता है और गुस्सा भी कम आता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)