Shivling Jalabhishek: भोलेनाथ को क्रोधित कर देती हैं जलाभिषेक के दौरान की गई ये गलती, हमेशा रखें ध्यान
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Shivling Jalabhishek: भोलेनाथ को क्रोधित कर देती हैं जलाभिषेक के दौरान की गई ये गलती, हमेशा रखें ध्यान

Shivling Jalabhishek Rules: शास्त्रों के अनुसार भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है वे मात्र एक लोटा जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं.  और भक्तों को मनचाहा वरदान देते हैं. भोलेनाथ का अभिषेक पंचामृत, दूध या जल से किया जा सकता है. जानें अभिषेक के सही नियम.  

 

फाइल फोटो

Shivling Jalabhishek Vidhi: सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन शिव को प्रसन्न करने के लिए लोग कई तरह के उपाय करते हैं. कहते हैं कि महादेव जलाभिषेक करने से ही शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और मनचाहा वरदान देते हैं. भोलेनाथ का अभिषेक पंचामृत, दूध या जल से किया जा सकता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान शिव जी को जलाभिषेक करते समय कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए. मान्यता है कि अगर इस दौरान जरा सी भी गलती कर दी जाए, तो ये भोलेनाथ को नाराज कर सकते हैं.

भगवान शिव की पूजा के समय इस बात का रखें खास ख्याल

1.    भगवान शिव का जलाभिषेक कभी भी खड़े होकर नहीं किया जाता. ज्यादातर हम देखते हैं कि लोग खड़े होकर ही भोलेनाथ का जलाभिषेक कर देते हैं लेकिन शिव का जलाभिषेक हमेशा बैठकर किया जाता है. खड़े होकर शिव को जल चढ़ाने से इसका शुभ फल नहीं मिलता है.

2.    शिवजी पर जल चढ़ाने के लिए तांबे का बर्तन सबसे अच्छा माना जाता है. वहीं स्टील के लोटे से कभी भी जलाभिषेक न करें. अगर आप शिवजी का दूध से अभिषेक कर रहे हैं तो इसके लिए आप तांबे के बर्तन का इस्तेमाल न करें. ये अशुभ माना जाता है.

3.    शिवजी को जल चढ़ाते समय हमेशा उत्तर दिशा की ओर मूंह करके ही जल चढ़ाना चाहिए. कहा जाता है कि इस दिशा की ओर मूंह करके जल चढ़ाने से शिव और पार्वती दोनों का आशीर्वाद मिलता है.

4.    कहा जाता है कि जलाभिषेक करते  हुए धीरे-धीरे जल अर्पित करना चाहिए. ऐसा करने से शिवजी बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं.

5.    शिवजी पर जल चढ़ाने के बाद पूरी परिक्रमा नहीं करनी चाहिए. कहा जाता है कि जो जल अर्पित किया जाता है उसके बाहर निकलने की जो व्यवस्था है उसे गंगा माना जाता है और माता गंगा को कभी लांघा नहीं जाता.

6.    कहा जाता है कि शिवजी का जलाभिषेक या रुद्राभिषेक उचित मंत्रोच्चार के साथ ही किया जाता है. ध्यान रखें कि जलाभिषेक करते समय सही मंत्र का उच्चारण करें.

7.    शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय कभी भी तुलसी का इस्तेमाल नहीं किया जाता. भगवान शिव को तुलसी चढ़ाना वर्जित है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

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