कार्तिक पूर्णिमा पर 2 शुभ योग, जानें स्‍नान-दान, पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि
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कार्तिक पूर्णिमा पर 2 शुभ योग, जानें स्‍नान-दान, पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

Kartik Purnima 2023: कार्तिक पूर्णिमा का हिंदू धर्म में बहुत महत्‍व है. इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध करके देवताओं को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी. तब देवताओं ने काशी आकर दिवाली मनाई थी. 

कार्तिक पूर्णिमा पर 2 शुभ योग, जानें स्‍नान-दान, पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

Kartik Purnima 2023: कार्तिक पूर्णिमा का दिन केवल हिंदू धर्मावलंबियों के लिए ही नहीं बल्कि सिख संप्रदाय के लोगों के लिए भी बहुत महत्‍वपूर्ण है. इस दिन भगवान शिव ने देवताओं की प्रार्थना पर त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था. इसके बाद देवताओं ने शिवनगरी काशी आकर इसकी खुशी मनाई थी. देवताओं ने गंगा नदी में स्‍नान किया था और फिर दीपक जलाए थे. इ‍सलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाई जाती है. काशी में देव दिवाली के मौके पर लाखों दीए जलाए जाते हैं और इस पर्व की रौनक देखते ही बनती है. इसके अलावा पुराणों के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही विष्णु जी ने मत्स्य अवतार भी लिया था. साथ ही कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही गुरुनानक देव का जन्म हुआ था, जिसे सिख समुदाय के लोग प्रकाश पर्व या गुरु पर्व के रूप में मनाते हैं. 

कार्तिक पूर्णिमा पर शुभ योग 

कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान, दान और पूजा का विशेष महत्‍व है. पूर्णिमा के दिन चंद्र देव और माता लक्ष्‍मी की उपासना की जाती है. पूर्णिमा तिथि पर पवित्र नदियों में स्‍नान करने से ढेरों लाभ होते हैं. इस साल कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर 2023, सोमवार यानी कि आज मनाई जा रही है. साथ ही इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर शिव योग, सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं. 

शिव योग- 27 नवंबर को रात 01.37 बजे से रात 11.39 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग- दोपहर 01.35 बजे से 28 नवंबर को सुबह 06.54 बजे तक

कार्तिक पूर्णिमा पर करें ये काम 

कार्तिक पूर्णिमा की सुबह पवित्र नदी के जल से स्‍नान करने के बाद साफ कपड़े पहनने चाहिए. फिर मंत्र जाप करते हुए सूर्य को अर्घ्य दें. इसके बाद अपनी सामर्थ्‍य के अनुसार दान जरूर दें. कार्तिक पूर्णिमा के दिन व्रत-उपवास करने का भी बहुत महत्‍व है. यह दिन कुंडली के ग्रह दोषों से निजात पाने का भी दिन होता है. 

कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि 

कार्तिक पूर्णिमा के दिन विधि-विधान से लक्ष्‍मी-नारायण की पूजा करें. भगवान विष्‍णु को पीले रंग के फल, फूल, पीतांबर वस्‍त्र अर्पित करें. वहीं लक्ष्‍मी माता को गुलाबी या लाल रंग के फूल और श्रृंगार सामग्री अर्पित करें. इस दिन सत्‍यनारायण की कथा जरूर पढ़ें. ऐसा करने से घर में सुख, समृद्धि बढ़ती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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