Sankranti: हिंदू पंचांग के अनुसार देखा जाए तो संक्रांति का अर्थ है सूर्य देव का एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करना. ऐसे में हर माह सूर्य देवे एक बार एक राशि से निकलकर दूसरे राशि में प्रवेश करते हैं. एक-एक करके सूर्य देव सभी राशियों में प्रवेश करते हैं. जिस कारण सभी राशियों की संक्रांति होती है.
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Sankranti: हम साल भर में संक्रांति का एक पर्व मनाते हैं. उसका नाम है मकर संक्रांति लेकिन क्या आपको पता है कि पूरे 12 महीने और 365 दिन में कितने तरह के संक्रांति होते हैं? अगर आप नहीं जानते हैं तो आज हम आपको सभी संक्रांति के बारे में जानकारी देंगे. तो चलिए जानते हैं. सबसे पहले बताते हैं कि साल भर यानि कि 12 महीने में कुल 12 तरह के संक्रांति होते हैं.
संक्रांति का अर्थ
हिंदू पंचांग के अनुसार देखा जाए तो संक्रांति का अर्थ है सूर्य देव का एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करना. ऐसे में हर माह सूर्य देवे एक बार एक राशि से निकलकर दूसरे राशि में प्रवेश करते हैं. एक-एक करके सूर्य देव सभी राशियों में प्रवेश करते हैं. जिस कारण सभी राशियों की संक्रांति होती है.
किस तिथि को कहते हैं संक्रांति
लेकिन जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो उसी संक्रांति को हमलोग मकर संक्रांति कहते हैं. यही संक्रांति भारत में अलग-अलग त्योहार के रूप में मनाया जाता है और इसी संक्रांति को देश के सभी हिस्सों में मान्य माना जाता है. इस दिन को कुछ लोग मकर संक्रांति के रूप में मनाते हैं.
चलिए जानते हैं 12 संक्रांति के बारे में
तुला संक्रांति [पहाड़ी कार्तिक माह]
वृश्चिक संक्रांति [पहाड़ी मार्गशीर्ष माह]
धनु संक्रांति [पहाड़ी पौष ]
मकर संक्रांति - पौष संक्रांति [माघ ]
कुम्भ संक्रांति [पहाड़ी फाल्गुन]
मीन संक्रांति - फूलदेई [पहाड़ी चैत्र माह]
मेष संक्रांति - [सोलर नववर्ष] / पना संक्रांति / विषुक्कणी / पोइला बोइशाख [पहाड़ी वैशाख माह]
वृषभ संक्रांति [पहाड़ी ज्येष्ठ माह]
मिथुन संक्रांति [पहाड़ी आषाढ़ माह]
कर्क संक्रांति - हरेला [पहाड़ी श्रावण माह]
सिंह संक्रांति - घी संक्रांति [पहाड़ी भाद्रपद माह]
कन्या संक्रांति [पहाड़ी अश्विन माह]
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)