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जब हम सोए थे आसमान में दिखा 'रिंग ऑफ फायर', साल के आखिरी सूर्य ग्रहण की तस्वीरें देखिए

आज शारदीय नवरात्रि का त्योहार शुरू हो चुका है. इससे एक दिन पहले यानी कल 2 अक्टूबर का दिन दिन बेहद खास था क्योंकि इस दिन साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगा. ये वलयाकार सूर्य ग्रहण था जिसे रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है. तस्वीरों में देखिए साल के आखिरी सूर्य ग्रहण का नजारा...

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सूर्य ग्रहण की शुरुआत 2 अक्टूबर की रात 09 बजकर 12 मिनट पर हुई. वहीं, रात 3 बजकर 17 मिनट पर इसका समापन हुआ. हालांकि ये सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखा. इस कारण इसका सूतक काल भी मान्य नहीं था

 

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जानकारी के लिए बता दें कि ये ग्रहण दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भागों और आर्कटिक, अर्जेंटीना, ब्राजील, पेरू, फिजी, चिली, पेरू, होनोलूलू, ब्यूनो आयर्स, अंटार्कटिका और दक्षिण अमेरिका और प्रशांत महासागर के भी कुछ इलाकों से नजर आया.

कुछ ऐसा था नजारा

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कुछ ऐसा था नजारा

अन्य जगहों पर रिंग ऑफ फायर का नजारा ऐसा देखने को मिला. रिंग ऑफ फायर यानी वलयाकार सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है. चूंकि काफी दूरी पर है, इसलिए यह सूर्य से छोटा दिखाई देता है और सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढक पाता है. इससे आसमान में रिंग जैसा दिखाई देता है.

क्या होता है सूर्य ग्रहण?

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क्या होता है सूर्य ग्रहण?

सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है. जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है, तो चांद के पीछे सूर्य का बिंब कुछ समय के लिए पूरी तरह से ढक जाता है. जहां परछाई पड़ती है वहां आसमान में सूर्य आधा या पूरा हिस्सा ढका दिखता है. इस घटना को ही सूर्य ग्रहण लगना कहा जाता है.

नग्न आखों से नहीं देखना चाहिए सूर्य ग्रहण

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नग्न आखों से नहीं देखना चाहिए सूर्य ग्रहण

वैज्ञानिकों की मानें तो सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए. सूर्य ग्रहण के दौरान निकलने वाली हानिकारक किरणों से आंखों को समस्याएं हो सकती हैं. इसको देखने के लिए  ग्लास या चश्मे का इस्तेमाल किया जा सकता है.

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