Russia Atom Bomb Threat: दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका को बार-बार चेतावनी देने वाले रूस ने एक बार फिर बड़ी चुनौती दी है. एक बार फिर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एटमी जंग की बात की है और इस बार तो ये तक कह दिया है कि रूस परमाणु युद्ध के लिए तैयार है. व्लादिमीर पुतिन ने साफ-साफ कहा कि अगर रूस की संप्रभुता और स्वतंत्रता पर खतरा पैदा हुआ तो वो परमाणु हथियार का इस्तेमाल करने के लिए तैयार है. साथ ही व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका को एक बार फिर चेताया है कि वो यूक्रेन में अपनी सेना भेजने के बारे में ना सोंचे. व्लादिमीर पुतिन के इन बयान से हड़कंप मच गया है. आइए जानते हैं कि रूस किन परिस्थितियों में एटम बम का इस्तेमाल कर सकता है.
रूसी मिलिट्री डॉक्ट्रिन, 2010 के मुताबिक, रूस की तरफ से एटमी जंग में कूदने की पहली शर्त है कि अगर कोई रूस या उसके सहयोगियों पर एटम बम से हमला या दूसरे किसी तरह के हथियार से बड़ी तबाही करता है. दूसरी शर्त है कि अगर कोई देश पारंपरिक हथियारों का इस्तेमाल करता है और उससे रूस का अस्तित्व खतरे में पड़ जाता है. ज्यादातर मिलिट्री एक्सपर्ट मानते हैं कि रूस 'escalate to de-escalate' की रणनीति पर काम करता है. वह सामने वाले को बातचीत की टेबल पर लाने के लिए तनाव को बढ़ाता है.
बता दें कि व्लादिमीर पुतिन उस रूस के राष्ट्रपति हैं जिसके जखीरे में दुनिया के सबसे खतरनाक हथियार मौजूद हैं. इसी वजह से व्लादिमीर पुतिन की एटमी जंग की धमकी को कोई भी हल्के में नहीं ले रहा है. पुतिन ने एक बार फिर दुनिया को बताया है कि अगर रूस को लेकर किसी भी देश ने अगर कुछ सोचने की भी कोशिश की तो उसका अंजाम बेहद तबाही भरा हो सकता है. गौरतलब है कि व्लादिमीर पुतिन की ये धमकी नई नहीं है. पहले भी वो कई बार ऐसी धमकियां दे चुके हैं. लेकिन दुनिया जानती है कि पुतिन कभी भी पश्चिमी देशों के दबाव के आगे नहीं झुकते हैं. ऐसे में अमेरिका की एक हरकत बेहद भारी पड़ सकती है. आपको ये भी समझना चाहिए कि पुतिन अचानक से फिर से परमाणु युद्ध के बारे में बात क्यों कर रहे हैं.
दरअसल, कुछ समय से रूस-यूक्रेन युद्ध में NATO देशों की सेनाओं के शामिल होने की बात चल रही है. जिसमें खबर ये भी थी कि अमेरिका अब यूक्रेन की मदद के लिए यूक्रेन में अपनी सेना तैनात कर सकता है जो रूसी वार का सामना करेगी. लेकिन पुतिन ने साफ कर दिया है कि अगर अमेरिकी सेना यूक्रेन में घुसी तो उसका अंजाम क्या हो सकता है. जान लें कि रूस और अमेरिका 2 सबसे ताकतवर परमाणु देश हैं. दुनिया में मौजूद परमाणु हथियारों को 90 फीसदी हिस्सा इनके पास है. इससे पहले एक रिपोर्ट में दावा भी किया गया था कि रूस और यूक्रेन के बीच 2022 में परमाणु युद्ध होने वाला था. हालांकि, बाद में हालात बदले और ऐसा नहीं हुआ था. वहीं अमेरिका ने पुतिन की इस धमकी को एक बार फिर पूरी तरह खारिज कर दिया है.
गौरतलब है कि वर्ल्ड ऑर्डर में वर्चस्व की दौड़ ही तो है कि रूस और अमेरिका 1950 के दशक से आपस में टकराते आ रहे हैं. लेकिन बीते कुछ सालों से दोनों देशों के बीच तनाव की सबसे बड़ी वजह यूक्रेन है. रूस और यूक्रेन के बीच 2 साल से जंग चल रही है. अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी समेत कई NATO देशों ने इस जंग में यूक्रेन को हथियारों से मदद की. लेकिन पिछले कुछ महीनों से जरूरत के हिसाब से मदद नहीं दी जा रही. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की कई बार कह चुके हैं कि पश्चिमी देश जितनी बातें करते हैं, उतनी मदद नहीं करते. अब जैसे ही NATO सेना उतारने के संकेत दिए, पुतिन ने परमाणु बम का डर दिखाकर पश्चिमी देशों को डराने की कोशिश की है.
बता दें कि परमाणु हथियारों की रेस को बंद करने के लिए रूस और अमेरिका ने न्यू स्टार्ट ट्रीटी की थी. पिछले साल इसे यूक्रेन जंग का एक साल पूरा होने पर रूस ने रद्द कर दिया था. न्यू START ट्रीटी अमेरिका और रूस के बीच इकलौता परमाणु समझौता बचा था. इसके तहत दोनों देश एक-दूसरे के साथ अपने परमाणु हथियारों के परीक्षण की जानकारी को एक्सचेंज करते थे. रूस ने आरोप लगाया था कि अमेरिका रूस के परमाणु हथियारों की जानकारी का गलत इस्तेमाल कर रहा था.
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