Paris Olympics 2024: मनु भाकर के पिता ने कहा कि जब मनु खेल रही होती है, तो हम टीवी नहीं देखते हैं. इसलिए, हमारे दोस्त और रिश्तेदार हमें उसकी सफलता के बारे में बताने के लिए फोन करते हैं. बता दें कि मनु भाकर ने रविवार को पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर पूरे भारत का नाम रोशन किया है.
मनु भाकर ने रविवार को पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर पूरे भारत का नाम रोशन किया है. निशानेबाज मनु भाकर के माता-पिता ने हरियाणा में सूरजकुंड रोड स्थिति अपने घर पर दिन की शुरुआत एक छोटे से ‘हवन’ के साथ की और यह अनुष्ठान तब तक जारी रहा जब तक चैंपियन पिस्टल निशानेबाज ने पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए पहला पदक (ब्रॉन्ज) हासिल नहीं कर लिया.
मनु भाकर निशानेबाजी में पदक जीतने वाली देश की पहली महिला बनीं. मनु भाकर ने ओलंपिक निशानेबाजी में देश के लिए पदक का 12 साल के सूखा खत्म किया. मनु भाकर के पिता राम किशन ने तीसरी मंजिल के फ्लैट से निकल कर शुभचिंतकों का अभिवादन स्वीकार करने के बाद कहा कि यह मनु भाकर का यह पदक उनकी मेहनत और कोच जसपाल राणा के आशीर्वाद के कारण संभव हुआ है.
मनु भाकर के पिता राम किशन ने कहा, ‘मनु की मेहनत, जसपाल का आशीर्वाद और खेल मंत्रालय की सहायता, इन सभी ने उनकी सफलता में मदद की. इन सब के सहयोग के कारण ही भारत का (निशानेबाजी में पदक का) 12 साल का सूखा समाप्त हुआ.’ राम किशन ने कहा कि उन्हें आने वाले दिनों में मनु से और सफलता की उम्मीद है.
मनु भाकर के पिता ने कहा, ‘यह शुरुआत है, उसके दो और मैच हैं. वह हमसे हर दिन कुछ मिनट बात करती है, वह एकाग्र और खुश है.’ मनु भाकर के पिता ने कहा कि वह तीन साल पहले टोक्यो ओलंपिक में भी सफल हो सकती थी, लेकिन पिस्टल की खराबी के कारण ऐसा नहीं हो सका.
मनु भाकर के पिता ने कहा, ‘टोक्यो में पिस्टल की खराबी के कारण उसे निराशा झेलनी पड़ी थी. उसका प्रदर्शन वहां भी खराब नहीं था. एक खिलाड़ी के रूप में, वह जानती थी कि टोक्यो में उसने अच्छा किया था.’ राम किशन ने कहा कि वे थोड़े अंधविश्वासी है और जब भी मनु कोई बड़ा मैच खेलती हैं तो वे टेलीविजन बंद कर देते हैं और रविवार को भी ऐसा ही हुआ.
मनु भाकर के पिता ने कहा, ‘जब मनु खेल रही होती है, तो हम टीवी नहीं देखते हैं. इसलिए, हमारे दोस्त और रिश्तेदार हमें उसकी सफलता के बारे में बताने के लिए फोन करते हैं. मेरी पत्नी सुबह से पूजा कर रही थी और हमें खुशी है कि इतने सारे शुभचिंतकों ने हमें फोन किया है.’
टोक्यो ओलिंपिक से पहले कोच जसपाल से अलग होने और करीब डेढ़ साल पहले फिर से साथ आने के बारे में पूछे जाने पर राम किशन ने कहा, ‘जब आप एक ही चीज बार-बार करते हैं तो बोरियत होने लगती है. मनु ने सोचा कि उसे कुछ समय के लिए निशानेबाजी छोड़ देनी चाहिए, लेकिन इसके बाद उसने जसपाल से बात की और उनकी मां ने उसे समझाया कि जसपाल का साथ होना उसके लिए कितना अहम है.’
मनु भाकर की सफलता से बेहद खुश उनकी मां सुमेधा ने कहा कि यह परिवार के लिए एक विशेष दिन है. मनु भाकर की मां ने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं कि मनु और जसपाल ने मिलकर हमें इतना बड़ा दिन दिया है और हम इस खास दिन का जश्न मना रहे हैं. सुबह से हम दोनों एक साथ बैठे हैं. मुझे अपनी भावनाओं और विचारों को एक नोटबुक में लिखने की आदत है. जो मैं सुबह से कर रही हूं.’ मनु भाकर की मां ने कहा, ‘जसपाल ने मनु के साथ वास्तव में कड़ी मेहनत की है. वह टोक्यो में उसके साथ नहीं थे, इसलिए शायद वह वहां पदक नहीं जीत सकी. अब जब वे एक साथ है, तो मैं बहुत खुश हूं.’
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