What happen if humans vanish from earth: धरती पर प्रलय का जिक्र अक्सर होता है, इसे लेकर कई अंदाजे लगाए जाते हैं. साथ ही प्रलय के पीछे इंसानों द्वारा पर्यावरण से छेड़छाड़ को जिम्मेदार ठहराया जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि यदि धरती से अचानक इंसान गायब हो जाए तो महीने भर के अंदर प्रलय आ जाएगी.
What would happen if humans disappeared : महाप्रलय धरती से इंसानों का अस्तित्व मिटा देगी लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि प्रलय तो तब भी आएगी, जब इंसान ना रहें. यदि धरती से अचानक पूरे इंसान गायब हो जाएं तो भी पृथ्वी पर प्रलय आने में महीना भर नहीं लगेगा. यहां तक कि कुछ समय में तो अन्य जीव-जंतुओं का अस्तित्व भी खत्म हो जाएगा. जानिए इसके कारण और फोटो में देखें नजारे.
इंसान के अस्तित्व के लिए धरती जितनी जरूरी है, उतना ही धरती के लिए इंसान जरूरी है. यह इस बात से साबित होता है कि यदि धरती से इंसान अचानक गायब हो जाएं तो यहां क्या-क्या बदलाव आएंगे. साथ ही ऐसी कौनसी घटनाएं होंगी, जो धरती को तबाह कर देंगी. उत्तर अमेरिका की आईओवा यूनिवर्सिटी के अर्बन डिजाइन और रीजनल प्लानिंग के प्रोफेसर कार्लटन ने इस बारे में जानकारी दी है.
इंसान के गायब होते ही दुनिया के सारे फैक्ट्री-कारखाने, गाडि़यां, हवाईजहाज, ट्रेन जैसी सारी चीजें बंद हो जाएंगी. इससे धरती पर गहरा सन्नाटा पसर जाएगा. चारों ओर अंधेरा छा जाएगा. क्योंकि ना तो बिजली पैदा होगी और ना उसका उपयोग करने वाला कोई होगा. वायु प्रदूषण खत्म होने से हवा शुद्ध हो जाएगी.
हर जगह ऊंची-ऊंची घास उग जाएगी. ढेरों नए पेड़ उग जाएंगे. पेड़ों से गिरे बीजों से जहां-तहां पेड़ उग जाएंगे क्योंकि धरती पर घरों के अंदर-बाहर कहीं भी कोई सफाईकर्मी नहीं होगा.
चूंकि वॉटर पंप्स आदि को चलाने के लिए कोई इंसान मौजूद नहीं होगा इसलिए हर जगह पानी भर जाएगा. मेट्रो, ट्रेन, स्टेशन हर जगह पानी होगा.
सड़कों और इमारतों पर भी घास उगने लगेगी. हर जगह काई जम जाएगी. जिससे उन पर दरारें पड़ने लगेंगी. कमजोर इमारतें ध्वस्त हो जाएंगी, वहीं बची हुई इमारतें खंडहर में तब्दील हो जाएंगी.
शहरों में जंगली जानवर खुलेआम घूमेंगे. आकाशीय बिजली गिरने से घरों और पेड़ों में आग लगेगी लेकिन उन्हें बुझाने वाला कोई नहीं होगा. इससे वह विकराल रूप लेकर शहर के शहर और गांव के गांव तबाह कर देगी.
रेडियोएक्टिव वस्तुओं के निर्माण करने वाली फैक्ट्रियों में अपनेआप विस्फोट होने लगेंगे. इससे भारी तादाद में जीव-जंतु मरने लगेंगे. वहीं जिन जगहों पर ये घटनाएं नहीं होंगी, वहां जीव-जंतुओं की भारी आबादी हो जाएगी क्योंकि शिकार करने वाला कोई नहीं होगा.
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