KYC Fraud: KYC का मतलब होता है "Know Your Customer". यह एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा अपने ग्राहकों की पहचान सत्यापित करने के लिए उपयोग की जाती है. KYC का उद्देश्य फ्रॉड, मनी लॉन्ड्रिंग और गैरकानूनी गतिविधियों को रोकना होता है. लेकिन, यह स्कैमर्स से अछूता नहीं रहा है. स्कैमर्स इसका इस्तेमाल करके लोगों के साथ फ्रॉड करते हैं. KYC फ्रॉड को कई तरकों से अंजाम दिया जाता है. हम आपको कुछ तरीकों के बारे में बताते हैं, जिनसे आप केवाईसी फ्रॉड से बच सकते हैं.
धोखाधड़ी करने वाले बैंक प्रतिनिधि लोगों को कॉल कर सकते हैं, उनसे अपनी KYC डिटेल्स जैसे आधार, पैन या ओटीपी शेयर करने के लिए कह सकते हैं. ये अक्सर अकाउंट ब्लॉक होने की धमकी देकर लोगों को डराने की कोशिश करते हैं.
धोखाधड़ी करने वाले ईमेल के जरिए भी फ्रॉड को अंजाम देते हैं. लोगों से एक नकली वेबसाइट पर अपने KYC डॉक्यूमेंट अपलोड करने के लिए कह सकते हैं जो एक असली वेबसाइट जैसी हो सकती है.
धोखाधड़ी करने वाले अक्सर नकली वेबसाइट बनाते हैं जहां वे ग्राहकों से KYC अपडेट के नाम पर डॉक्यूमेंट अपलोड करने के लिए कहते हैं. एक बार डॉक्यूमेंट अपलोड हो जाने के बाद वे उनका इस्तेमाल गलत तरीके से कर सकते हैं.
फ्रॉड करने वाले नकली मोबाइल ऐप बनाते हैं जो असली ऐप जैसी लगती है. जब यूजर्स अपना KYC जानकारी अपलोड करते हैं, तो फ्रॉड करने वाले उनकी पर्सनल और फाइनेंशियल डिटेल्स को एक्सेस कर सकते हैं.
धोखाधड़ी करने वाले नकली या चोरी किए गए डॉक्यूमेंट्स का उपयोग करके नकली अकाउंट बना सकते हैं. इस तरह का KYC फ्रॉड डिजिटल प्लेटफॉर्म में प्रचलित है, जहां आईडेंटिटी वेरिफिकेशन के लिए फिजिकली उपस्थित नहीं होना होता.
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