Advertisement
photoDetails1hindi

Photos: इस बार क्यों बेरंग है कश्मीर? नहीं पड़ रही बर्फ.. इंतजार में हैं टूरिस्ट

Snowfall: जनवरी का भी दस दिन बीत गया लेकिन बर्फ पहाड़ों से लेकर मैदानों तक लापता है. पर्यटक निराश तो स्थानीय लोग चिंतित हैं क्योंकि कश्मीर बेरंग है. कश्मीर का ताज कहे जाने वाला पर्यटन स्थल गुलमर्ग भी इस बार अभी तक शांत है.

1/5

Jammu Kashmir Snowfall: कश्मीर घाटी में मौसम में अभूतपूर्व बदलाव देखने को मिल रहा है. यह जनवरी है और गुलमर्ग, पहलगाम और सोनमर्ग जैसे अधिकांश पर्यटक रिसॉर्ट्स में अब तक पर्याप्त बर्फ जमा नहीं हो गई है. कश्मीर का शीतकालीन वंडरलैंड, गुलमर्ग सूखा है और कहीं भी बर्फ नहीं देखी जा रही है. विशेषज्ञ इसके लिए ग्लोबल वार्मिंग को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं जबकि बर्फ देखने आने वाले पर्यटक निराश हो गये हैं. वही इन पर्यटन स्थलों पर रहने वाले लोग इसका ज़िम्मेदार कही ना कही प्रशासन को भी ठहरा रहे हैं वह मानते हैं कि प्रकृति से खिलवाड़ किया गया है.

2/5

कश्मीर घाटी इस मौसम में जिसमें पहाड़ों पर 10-15 फीट बर्फ जमा होती थी सूखे का सामना कर रही है, घाटी में कोई बर्फबारी या बारिश नहीं होने के कारण, मौसम विभाग का कहना है कि दिसंबर और जनवरी के दौरान लगभग 75 प्रतिशत वर्षा की कमी है. वहीं विश्व प्रसिद्ध स्की रिसॉर्ट गुलमर्ग की ढलानें बर्फ से ढके न होने के कारण बंजर दिख रही हैं.

मुश्ताक अहमद, निदेशक, मौसम विभाग, कश्मीर ने कहा “पूरे जम्मू-कश्मीर में मौसम शुष्क है और अगले एक सप्ताह के दौरान 16 से 17 जनवरी तक मौसम शुष्क रहेगा. अगले कुछ दिनों तक इस सूखे से कोई बड़ी राहत नहीं मिलने वाली है. पिछले कुछ वर्षों में ग्लेशियर सिकुड़ते रहे हैं और इस साल बर्फबारी नहीं हुई है और बर्फबारी न होने से सिकुड़न की दर तेज हो सकती है. सूखे का प्रभाव बागवानी क्षेत्र को भी प्रभावित कर सकते हैं. बर्फ नहीं है और इसका असर पर्यटन पर भी पड़ेगा.

3/5

मौसम विशेषज्ञों ने कहा है कि समुद्र की सतह के तापमान में वृद्धि ने वैश्विक मौसम को बाधित कर दिया है और हिमालय क्षेत्र में कम बारिश और बर्फबारी का एक कारण यह भी है. गुलमर्ग और पहलगाम जैसी जगहों पर जाने वाले पर्यटक बेहद निराश हैं क्योंकि इन हिल स्टेशनों पर इस मौसम की बर्फ की चादर बेची रहती थी जिसे देखने के लिए वह आते थे जो आज देखने को नहीं मिल रहे है.

तौसीफ पैरे पर्यटक गाइड कहते हैं “बर्फ न होने के कारण हमारा बहुत सारा पैसा बर्बाद हो रहा है. आमतौर पर वहां बहुत अधिक बर्फ होती थी, लगभग 5-6 फीट, लेकिन सूखे के कारण बहुत अधिक नुकसान हुआ है. स्लेज वाले, गाइड और हर कोई सूखे के कारण पैसे खो रहा है, “इन पर्यटन स्थलों पर रहने वाले लोग कही ना कही सरकार से भी नाराज़ हैं वह मानते है की जो पेड़ों को काट कर इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जाता वो भी इस का एक बड़ा कारण है कि मौसम बदला गया हैं. वह सरकार से निवेदन कर रहे हैं की इसकी तरफ़ ध्यान दे नहीं तो हालात इस से बुरे होगा.

4/5

पर्यटक  शाहिद सलीम का कहना है कि गुलमर्ग जो जंगल काट कर होटल बनाए के अनुमति दी जा रही हैं वो विनाशकारी साबित होती दिख रही इसके इलावा जो होटलों और अनी प्लास्टिक वेस्ट को जंगलों में फेंका जाता है उसे वातावरण प्रभावित हुआ हैं और अगर सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो यह पर्यटन स्थल और बुरे दिन देखेगा.

5/5

मौसम विभाग ने कहा है कि अगले एक हफ्ते तक सूखे से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. गुलमर्ग डेवलपमेंट अथॉरिटी ने तो कई महीने पहले से विंटर स्पोर्ट्स और विंटर कार्निवल की त्यारीं भी कर ली है जिन में 4th खेलों इंडिया गेम्स और अन्य स्काइ कोर्स प्रमुख है लेकिन उनको भी इंतज़ार है सिर्फ़ बर्फ का. 

ट्रेन्डिंग फोटोज़