Chhattisgarh Assembly Election Result 2023: देश के बाकी 3 राज्यों के साथ छत्तीसगढ़ असेंबली के चुनाव नतीजे भी 3 दिसंबर को आ गए. इस चुनाव में 10 ऐसे बड़े चेहरे चुनाव में उतरे थे, जिन पर सब लोगों की निगाहें लगी हुई थी.
राज्य के मौजूदा सीएम भूपेश बघेल पाटन सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. माना जा रहा है कि अगर कांग्रेस चुनाव जीती तो एक बार फिर भूपेश बघेल ही राज्य के सीएम बनेंगे. वहीं बीजेपी ने इस सीट पर उनके सामने अपने सांसद विजय बघेल को उतारा था. वे रिश्ते में भूपेश बघेल के भतीजे लगते हैं और वर्ष 2008 के असेंबली चुनाव में उन्हें हरा चुके थे. भूपेश बघेल यह चुनाव जीतने में कामयाब रहे.
अंबिकापुर सीट से छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम और भावी सीएम माने जा रहे टीएस सिंहदेव चुनाव मैदान में हैं. वे वर्ष 2008 से इस सीट पर अजेय बने हुए हैं. उनका मुकाबला करने के लिए बीजेपी ने लखनपुर नगर पंचायत के अध्यक्ष रह चुके कारोबारी राजेश अग्रवाल को उतारा है. बहुत नजदीकी मुकाबले में टीएस सिंह देव राजेश अग्रवाल के हाथों यह सीट हार गए.
बीजेपी नेता और छत्तीसगढ़ में सबसे लंबे वक्त तक सीएम रहे रमन सिंह राजनांदगांव सीट से चुनाव लड़ रहे थे. वे 2003 से 2018 तक लगातार 15 साल राज्य के सीएम बन चुके हैं. उनके मुकाबले के लिए कांग्रेस की ओर से गिरीश देवांगन चुनाव मैदान में थे. कहा जा रहा है कि अगर बीजेपी जीती तो रमन सिंह की एक बार फिर किस्मत खुल सकती है. वे यह चुनाव जीत गए हैं.
राज्य में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव फिलहाल बिलासपुर संसदीय सीट से सांसद हैं. इस बार पार्टी की ओर से उन्हें लोरमी असेंबली सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया था. वे ओबीसी वर्ग से आते हैं. माना जा रहा है कि बीजेपी के जीतने पर वे सीएम बनाए जा सकते हैं. उनके मुकाबले में कांग्रेस के थानेश्वर साहू मैदान में थे. अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए अरुण साव जीत हासिल करने में कामयाब रहे.
कांग्रेस के सीनियर लीडर चरणदास महंत निवर्तमान असेंबली के स्पीकर हैं. वे पिछली 3 बार से सक्ती असेंबली सीट से चुनाव जीतते आ रहे हैं. वे इसी सीट से 3 बार पार्टी की ओर से सांसद भी रह चुके हैं. कांग्रेस ने इस बार भी उन्हें लोरमी सीट से चुनाव में उतारा था. बीजेपी ने उनके खिलाफ खिलावन साहू को टिकट दिया था. चरणदास महंत इस चुनाव में जीत हासिल करने में कामयाब रहे.
राज्य के पूर्व सीएम अजित जोगी की पत्नी रेणु जोगी कोटा से चुनाव लड़ रही हैं. यह सीट बिलासपुर जिले के तहत आती है. वे अपनी पारिवारिक पार्टी जेसीसीजे की उम्मीदवार थी. इसी सीट पर बीजेपी की ओर से प्रबल प्रताप सिंह ताल ठोंक रहे थे वे पूर्व नेता दिलीप सिंह जूदेव के बेटे हैं. कांग्रेस ने इस सीट से अटल श्रीवास्तव को अपना कैंडिडेट बनाया थे. इस सीट पर अटल श्रीवास्तव विजेता रहे.
कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी मोहम्मद अकबर कवर्धा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. वर्ष 2018 में उन्होंने 59 हजार वोटों के अंतर से इस सीट पर जीत हासिल की थी. बाद में उन्हें कई विभागों का मंत्री भी बनाया गया. उनके मुकाबले में बीजेपी की ओर से विजय शर्मा जोरदार तरीके से जीत का दावा ठोंक रहे थे. वे इस चुनाव में जीत गए हैं.
अमित जोगी राज्य के पूर्व सीएम रहे अजित जोगी के बेटे हैं. वे पहले भी एमएलए रह चुके हैं और इस बार फिर अपनी पारिवारिक पार्टी जेसीसीजे के टिकट पर पाटन सीट से इलेक्शन लड़ रहे हैं. इस सीट उनके सतनामी समाज के वोट अच्छी खासी संख्या में है, जिससे उन्हें फायदा मिलने की संभावना थी. हालांकि उनकी आस पूरी नहीं हुई और भूपेश बघेल के हाथों हार झेलनी पड़ी.
छत्तीसगढ़ में विजय पताका फहराने के लिए बीजेपी ने भरतपुर सोहनत सीट पर केंद्रीय मंत्री और सांसद रेणुका सिंह को चुनाव मैदान में उतारा था. उनका मुकाबला कांग्रेस की मौजूदा विधायक गुलाब सिंह कमरो से था. गुलाब सिंह की इलाके में अच्छी पकड़ मानी जाती है. हालांकि रेणुका सिंह इस सीट पर जीत हासिल करने में कामयाब रहीं.
IAS की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए ओपी चौधरी बीजेपी के टिकट पर रायगढ़ सीट से चुनाव लड़ रहे थे. उनके चुनाव प्रचार के लिए खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रायगढ़ पहुंचे थे. तब उन्होंने लोगों से अपील की थी कि आप वोट देकर इन्हें जिता दो, बड़ा आदमी मैं अपने आप बना दूंगा. वे आखिरकार चुनाव जीतने में कामयाब रहे.
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