लियाकत अली खान अंतरिम सरकार में भारत के वित्त मंत्री थे. वह एक भारतीय मुस्लिम पॉलिटिशियन और अखिल भारतीय मुस्लिम लीग (AIML) के एक प्रमुख सदस्य थे.
भारत और पाकिस्तान के विभाजन में लियाकत अली खान ने अहम भूमिका निभाई थी. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भारत को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने को लेकर हुई बातचीत में भी लियाकत अली शामिल थे.
जब भारत के पॉलिटिकल लीडरशिप ने मुस्लिम लीग से अंतरिम सरकार में प्रतिनिधित्व के लिए अपने उम्मीदवारों की लिस्ट भेजने के लिए कहा तो लियाकत अली को केंद्रीय मंत्रिमंडल में मुस्लिम लीग का नेतृत्व करने के लिए कहा गया. इस तरह प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में बनी अंतरिम सरकार में लियाकत अली खान को वित्त मंत्री सौंपा गया.
लियाकत अली खान को पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के 'राइट हैंड' के रूप में जाना जाता था. पाकिस्तान आन्दोलन के दौरान लियाकत अली ने मुहम्मद अली जिन्ना के साथ कई दौरे किए.
यही वजह है कि 1947 में पाकिस्तान के बनने के बाद लियाकत अली प्रधानमंत्री के रूप में जिन्ना के पहले पसंद थे. इस तरह लियाकत अली खान पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बने.
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