India Budget 2025: आगामी बजट को लेकर देश के अर्थशास्त्रियों का कहना है कि पुरानी टैक्स व्यवस्था में किसी बदलाव की उम्मीद नहीं है, लेकिन नई व्यवस्था में मानक कटौती या टैक्स स्लैब में बदलाव संभव है.
हर साल बजट से पहले एक सवाल जो सबसे ज्यादा चर्चा में रहता है, वह है- क्या इसमें सैलरीड क्लास के लिए कुछ खास है? वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को 2025-26 का बजट पेश करने वाली हैं, और एक बार फिर मिडिल क्लास उम्मीद कर रहा है कि उन्हें कुछ राहत मिले.
अर्थशास्त्रियों ने इस बार सरकार को नए टैक्स सिस्टम में टैक्स छूट सीमा बढ़ाने और स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी करने का सुझाव दिया है. गत बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये किया गया था.
न्यू टैक्स रिजीम में टैक्स छूट सीमा 3 लाख रुपये तय है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर सरकार टैक्स में कोई राहत देती है, तो यह नई टैक्स व्यवस्था के तहत ही होगी. डेलॉइट इंडिया की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर दीपिका माथुर का कहना है कि पुरानी टैक्स व्यवस्था में किसी बदलाव की उम्मीद नहीं है, लेकिन नई व्यवस्था में मानक कटौती या टैक्स स्लैब में बदलाव संभव है.
इसके अलावा अर्थशास्त्रियों ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर टैक्स छूट, हाउसिंग सेक्टर को बढ़ावा देने और प्रवासी भारतीयों (NRIs) के लिए रियल एस्टेट खरीद-बिक्री को आसान बनाने को लेकर भी सुझाव दिए हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में सैलरीड क्लास पर पर्सनल इनकम टैक्स का अनुपात अन्य इनकम स्रोतों की तुलना में अधिक है. ऐसे में सरकार को इस पर विचार करना चाहिए. अब सब उम्मीदें 1 फरवरी पर टिकी हैं कि इस बजट में मिडिल क्लास को राहत मिलेगी या नहीं.
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