Rahu Mahadasha: वैदिक ज्योतिष में राहु को पापी और मायावी ग्रह की उपाधी दी गई है. वह एक छाया ग्रह होने के बावजूद मानव जीवन पर व्यापक असर डालते हैं. अन्य ग्रहों की तरह विभिन्न इंसान की जिंदगी में राहु की महादशा भी चलती है. उनकी महादशा 18 साल की होती है. इस दौरान जिस जातक की कुंडली में राहु अशुभ स्थान पर होते हैं, उनको 18 वर्षों तक भयंकर कष्ट भोगना पड़ता है.
राहु की महादशा कष्टदायी होती है. अशुभ राहु व्यक्ति का जीवन बर्बाद कर देता है. उनको बीमारियां, धन हानि आदि का नुकसान झेलना पड़ता है.
कुंडली में राहु के अशुभ होने पर इंसान को अशुभ फलों की प्राप्ति होती है. व्यक्ति झल कपट से पैसा कमाता है और बीमारियों से घिर जाात है. ऐसे इंसान को मानसिक अस्थिरता, आंतों की समस्या, अल्सर, गैस्ट्रिक आदि बीमारियां घेर लेती हैं.
वहीं, कुंडली में राहु के शुभ होने पर व्यक्ति सुंदर और आकर्षक व्यक्तित्व वाला होता है. लोग इनकी तरफ जल्दी आकर्षित हो जाते हैं. ऐसे लोगों को समाज में प्रभावशाली स्थान मिलता है. ये लोग राहु की महादशा के दौरान खूब मान-सम्मान, ऊंचा पद और पैसा पाते हैं. राजनीति में सक्रिय लोगों को उच्च पद की प्राप्ति होती है.
किसी भी जातक की कुंडली में राहु की स्थिति मजबूत होने पर उसे तेज बुद्धि की प्राप्ति होती है. अपनी बुद्धि के दम पर वे खूब लाभ और नाम कमाता है. राहु ऐसे लोगों की किस्मत चमका देता है.
राहु की महादशा के दौरान अशुभ फल से बचने के लिए भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा करें. हर बुधवार को काले रंग के कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं. नहाने के पानी में नियमित रूप से काले तिल डालकर स्नान करें और नियमित रूप से राहु के ग्रह मंत्र ॐ रां राहवे नमः का जाप करें. (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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