PAK लेबोरेटरी में बनाया जा रहा है कोविड से भी खतरनाक वायरस! चीन के साथ मिलकर रची साजिश
Advertisement
trendingNow11428478

PAK लेबोरेटरी में बनाया जा रहा है कोविड से भी खतरनाक वायरस! चीन के साथ मिलकर रची साजिश

Dangerous Virus: विभिन्न वैश्विक मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, चीन पाकिस्तान में कोविड जैसे रोगजनकों का निर्माण कर रहा है, जिनमें कोविड की तुलना में कहीं अधिक पैमाने पर वायरस के दूषित होने की क्षमता है.

PAK लेबोरेटरी में बनाया जा रहा है कोविड से भी खतरनाक वायरस! चीन के साथ मिलकर रची साजिश

China-Pakistan Relations: कोविड-19 और इसके नए रूप अभी भी दुनिया को प्रभावित कर रहे हैं,  इस सब के बीच पाकिस्तान और चीन मिलकर एक खतरनाक साजिश में लगे हुए हैं. खबरों के मुताबिक चीन और पाकिस्तान के वैज्ञानिक रावलपिंडी के पास एक गुप्त जगह में जैव हथियारों (Bioweapons) की रिसर्च में लगे हैं.

कुख्यात वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और पाक सेना द्वारा संचालित, रक्षा विज्ञान और प्रौद्योगिकी संगठन (डीएसटीओ) ने पाकिस्तान में घातक रोगजनकों (Pathogens) पर शोध करने के लिए एक अत्यधिक उन्नत वैज्ञानिक बुनियादी ढांचा स्थापित किया है. एएनआई के मुताबिक जियो-पॉलिटिक की रिपोर्ट के अनुसार, यह स्थान एक कड़े पहरे के बीच एक रहस्य बना हुआ है.

विभिन्न वैश्विक मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, चीन पाकिस्तान में कोविड जैसे रोगजनकों का निर्माण कर रहा है, जिनमें कोविड की तुलना में कहीं अधिक पैमाने पर वायरस के दूषित होने की क्षमता है.

2020 में पाक विदेश मंत्रालय को देनी पड़ी थी सफाई
जियो-पॉलिटिक की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह रहस्य 2020 में और गहरा गया जब पाकिस्तान ने पहली बार ऐसी खबरों का खंडन किया. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा ‘रिपोर्ट में उल्लिखित पाकिस्तान की जैव-सुरक्षा स्तर-3 (BSL-3) प्रयोगशाला के बारे में कुछ भी गुप्त नहीं है.’  

एफओ ने कहा, ‘पाकिस्तान विश्वास कायम रखने के लिए अपने प्रयासों के तहत जैविक और विषाक्त हथियार कन्वेंशन (बीटीडब्ल्यूसी) के स्टेट्स के साथ इसकी जानकारी साझा कर रहा है.’  इसने कहा कि यह उभरते स्वास्थ्य खतरों, निगरानी और बीमारी के प्रकोप की जांच कर रिसर्च और डेवलपमेंट द्वारा डायग्नोस्टिक और प्रोटेक्टिव सिस्टम में सुधार के लिए है.

विचाराधीन प्रयोगशाला एक "जैव सुरक्षा स्तर 4" सुविधा (बीएसएल -4) है जहां सबसे खतरनाक और संक्रामक एजेंटों का परीक्षण और विकास किया जाता है. डीएसटीओ रावलपिंडी के चाकलाला छावनी में स्थित है, और इसका नेतृत्व दो सितारा जनरल करते हैं, जियो-पॉलिटिक ने बताया.

कहां और कैसी है यह लेबोरेटरी
जियो-पॉलिटिक के मुताबिक सवालों के घरे में आई यह लेबोरेटरी एक ‘जैव सुरक्षा स्तर 4’ फैसिलिटी (बीएसएल -4) है जहां सबसे खतरनाक और संक्रामक एजेंटों का परीक्षण और विकास किया जाता है. डीएसटीओ रावलपिंडी के चाकलाला छावनी में स्थित है, और इसका नेतृत्व टू स्टार जनरल करते हैं

विशेषज्ञों का कहना है कि बीएसएल-4 लेबोरेटरी का उपयोग संक्रामक एजेंटों और विषाक्त पदार्थों का अध्ययन करने के लिए किया जाता है जो जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकते हैं जिनके लिए कोई टीका या चिकित्सा उपलब्ध नहीं है.

क्या कहना है एक्सपर्ट्स का?
जियो-पॉलिटिक अनुसार घटनाक्रम पर नजर रखने वाले खुफिया और वैज्ञानिक समुदाय के लोगों ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान का उपयोग करके, चीन ने प्रयोगशालाओं के एक अत्यधिक संक्रामक नेटवर्क को आउटसोर्स किया है,  जहां एंटीजन वर्तमान कोविड की तुलना में सौ गुना अधिक संक्रामक बनाया जा सकता है.’

जैव हथियार विशेषज्ञों के अनुसार, सेना द्वारा प्रबंधित पाकिस्तान की प्रयोगशाला और पीएलए द्वारा संचालित प्रयोगशालाओं और संस्थानों की एक श्रृंखला के बीच संयुक्त सहयोग वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए नहीं बल्कि रोगजनकों को हथियार बनाने के लिए है.

(ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर)

Trending news