Study on China: विस्तारवादी रवैये की ड्रैगन को चुकानी पड़ रही बड़ी कीमत, इन देशों में चीन के प्रति बढ़ी नफरत; सर्वे में आया सच
Advertisement
trendingNow11799289

Study on China: विस्तारवादी रवैये की ड्रैगन को चुकानी पड़ रही बड़ी कीमत, इन देशों में चीन के प्रति बढ़ी नफरत; सर्वे में आया सच

Recent report on impact of China: वैश्विक महाशक्ति बनने की चाह में अपनी मनमानी कर रहे चीन को झटके लगने शुरू हो गए हैं. भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका में उसके प्रति नकारात्मक अवधारणा बढ़ती जा रही है. 

 

Study on China: विस्तारवादी रवैये की ड्रैगन को चुकानी पड़ रही बड़ी कीमत, इन देशों में चीन के प्रति बढ़ी नफरत; सर्वे में आया सच

Recent report by Pew Research Center on impact of China: दुनिया में अपने पैसे और सैन्यबल के दम पर धौंस जमाने की कोशिश कर रहे चीन को इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. उसके विस्तारवादी रवैये की वजह से दुनिया में उसके खिलाफ नफरत बढ़ती जा रही है. बुधवार को जारी हुए प्यू रिसर्च सेंटर की एक स्टडी से पता चला है कि ब्रिक्स समूह के दो बड़े देशों में भारत और ब्राजील में चीन के प्रति नफरत बढ़ती जा रही है. सर्वे में पता चला है कि दोनों देशों के अधिकतर लोगों के चीन के बारे में विचार नकारात्मक है और उसे नापसंद करने वाले लोगों की संख्या अब 21 पर्सेंट बढ़ गई है. वहीं दक्षिण अफ्रीका के लोगों में भी चीन के प्रति नकारात्मक रेटिंग बढ़ी है. 

दुनिया में चीन के खिलाफ बढ़ रही नफरत

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक वाशिंगटन के थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर की ओर फरवरी और अप्रैल के बीच यह स्टडी (Recent Study on impact of China) की गई थी. इस सर्वे में 24 देशों के 30 हजार से ज्यादा लोगों ने भाग लिया था. इनमें भारत से 2611, ब्राजील से 1044 और दक्षिण अफ्रीका से 1502 लोग शामिल हुए थे. सर्वे में शामिल हुए ब्राजील के लगभग आधे लोगों यानी  48 प्रतिशत ने चीन के बारे में नकारात्मक रेटिंग थी. यह वर्ष 2019 में किए सर्वे से 27 प्रतिशत ज्यादा है. 

67 प्रतिशत भारतीयों ने चीन को बताया खतरा

भारत की बात करें तो सर्वे में शामिल हुए 67 प्रतिशत भारतीयों ने चीन (Recent Study on impact of China) को अपने देश के लिए खतरा बताया. वर्ष 2019 में ऐसी राय प्रकट करने वाले भारतीयों की संख्या 46 प्रतिशत थी. जबकि दक्षिण अफ्रीका में इसी अवधि में चीन को नापसंद करने वाले लोगों की संख्या 35 प्रतिशत से बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई है. 

दक्षिण अफ्रीका में चीन के प्रति बढ़ रही शंका

प्यू रिसर्च सेंटर की ओर से यह सर्वे लौरा सिल्वर Laura Silver ने किया था. Laura Silver के मुताबिक भारत और दक्षिण अफ्रीका में उन लोगों की संख्या पिछले एक दशक में काफी बढ़ गई है, जिन्हें लगता है कि चीन ने उनके राष्ट्रीय हितों की अनदेखी की है.

ब्राजील के लोगों को चीन पर नहीं है भरोसा

सर्वे में सामने आया कि ब्राजील और भारत के लोग वैश्विक शांति और स्थिरता में चीन (Recent Study on impact of China) के योगदान के प्रति ज्यादा सशंकित दिखाई दिए. ब्राजील के 62 प्रतिशत और भारत के 56 प्रतिशत लोगों ने विचार व्यक्त किया कि चीन विश्व शांति के लिए खतरा है. वही दक्षिण अफ़्रीकी के अधिकतर लोग चीन के प्रति आशावादी दिखाई दिए. दक्षिण अफ्रीका के 47 प्रतिशत लोगों ने ने बीजिंग की भूमिका को दुनिया के लिए अनुकूल बताया. 

शी जिनपिंग की निर्णय लेने की क्षमता पर सवाल

सर्वे में शामिल हुए 67 फीसदी भारतीयों और 57 फीसदी ब्राजीलियाई लोगों ने चीनी (Recent Study on impact of China) नेता शी जिनपिंग की सही निर्णय लेने की क्षमता पर शक जताया. वही वहीं 47 फीसदी दक्षिण अफ्रीकी लोगों को उन पर भरोसा था. सर्वे में सामने आया कि दुनिया के दूसरे देशों के प्रति दबंग वाली प्रवृति, कर्ज कूटनीति और मानवाधिकारों की गंभीर स्थिति चीन को वैश्विक व्यवस्था में नीचे गिरा रही है. 

Trending news