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No change in India policy Pakistan FO clarifies: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पुलवामा (Pulwama) जिले में सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर पाकिस्तान (Pakistan) प्रायोजित आतंकियों के हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्तों (India-Pakistan relations) में आई खटास का दौर जारी है. इस बीच पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने भारत को लेकर बड़ा बयान जारी किया है.
सब कुछ बदला लेकिन भारत विरोधी सोच नहीं बदली
पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान में प्रधानमंत्री और बाकी हुक्मरान तो बदल गए लेकिन सीमा पार से होने वाली नापाक साजिशों का दौर खत्म नहीं हुआ. इसी तरह जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने के बाद कश्मीर-कश्मीर की रट लगाए पाकिस्तानी राजनेताओं की बौखलाहट बढ़ती जा रही है.
इंडिया पॉलिसी को लेकर दिए गए बयान का खंडन
इस बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से ये एक बयान जारी हुआ है जो ये बताता है कि पाकिस्तान की इंडिया पॉलिसी में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं हुआ है. इस्लामाबाद से शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि भारत के प्रति उसकी नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है. देश के विदेश मंत्री बिलावट भुट्टो की एक टिप्पणी के वायरल होने के बाद विदेश मंत्रालय को सफाई देते हुए उन खबरों का खंडन करना पड़ा जिसमें कहा जा रहा था कि बिलावल, भारत के साथ रिश्तों की बहाली के साथ उसके साथ काम करना चाहते हैं.
गलत तरीके से पेश की गई टिप्पणी: FO
दरअसल नई दिल्ली के साथ संबंध पुन:स्थापित करने की विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की तरफ से जोरदार हिमायत करने पर स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश करते हुए यह कहा गया कि पाकिस्तानी मंत्री की टिप्पणी को गलत रूप में पेश किया गया. आपको बताते चलें कि बिलावल ने ये कहा था कि भारत के साथ संबंध तोड़ना पाकिस्तान के हित में नहीं होगा क्योंकि इस्लामाबाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ चुका है. इसके बाद पाकिस्तान की ओर से कहा गया है कि बिलावल की टिप्पणी की संदर्भ से हट कर व्याख्या की गई और उसे गलत रूप में पेश किया गया.
रिश्ते बहाल करना भारत की जिम्मेदारी
विदेश मंत्रालय ने कहा कि सार्थक और नतीजे देने वाली वार्ता के लिए उपयोगी माहौल बनाने के वास्ते आवश्यक कदम उठाने की जिम्मेदारी भारत की है. बिलावल की टिप्पणी पर मीडिया में आई खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विदेश कार्यालय ने कहा, ‘भारत के प्रति पाकिस्तान की नीति में कोई बदलाव नहीं आया है और इस पर राष्ट्रीय आम राय है. पाकिस्तान ने भारत समेत अपने सभी पड़ोसियों के साथ सहयोगी संबंधों की इच्छा जताई है. हमने जम्मू-कश्मीर विवाद सहित सभी लंबित मुद्दों के हल के लिए सार्थक और नतीजे देने वाली वार्ता की हिमायत की है.’
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