Whatsapp Chat Viral: बॉस ने छुट्टी वाले दिन दिया काम तो एम्प्लाई ने सीधे कर दिया मना, लोग बोले- ये है असली हीरो
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Whatsapp Chat Viral: बॉस ने छुट्टी वाले दिन दिया काम तो एम्प्लाई ने सीधे कर दिया मना, लोग बोले- ये है असली हीरो

Whatsapp Chat: सोशल मीडिया पर एक व्हाट्सऐप चैट वायरल हो रहा है, जिसमें उसके बॉस ने ऑफ वाले दिन एक घंटे काम करने के लिए कहा, लेकिन उसने साफ इनकार कर दिया.

 

Whatsapp Chat Viral: बॉस ने छुट्टी वाले दिन दिया काम तो एम्प्लाई ने सीधे कर दिया मना, लोग बोले- ये है असली हीरो

Boss Employee Whatsapp Chat Viral: जितने लोग कॉर्पोरेट कल्चर में काम करते हैं वह अपनी कंपनी और अपने बॉस के लिए हर वक्त काम के लिए तैयार रहते हैं. वह यह नहीं देखते कि किस दिन छुट्टी है या फिर ऑफिस का समय खत्म होने के बाद भी एक्स्ट्रा टाइम ऑफिस में देते हैं. हालांकि, कुछ एम्प्लाई अपने ऑफ के दिन घर में समय देना चाहते हैं, जबकि कई ऐसे हैं जो बॉस के निगाह में अच्छा बनने के लिए अपने ऑफ वाले दिन भी काम करने के लिए तैयार होते हैं. सोशल मीडिया पर एक व्हाट्सऐप चैट वायरल हो रहा है, जिसमें उसके बॉस ने ऑफ वाले दिन एक घंटे काम करने के लिए कहा, लेकिन उसने साफ इनकार कर दिया.

Whatsapp पर बॉस के मैसेज पर एम्प्लाई ने दिया ऐसा जवाब

कई कर्मचारियों को काम करने के लिए ना कहना मुश्किल लगता है. एक ट्विटर यूजर ने ऐसा करके सभी के लिए एक सकारात्मक उदाहरण पेश किया है. रघु द्वारा जाने वाले यूजर ने अपने व्हाट्सऐप का स्क्रीनशॉट शेयर करके दिखाया कि कैसे उसने पांच साल तक ऐसा करने के लिए संघर्ष करने के बाद अपनी छुट्टी के दिन काम को ठुकरा दिया. एक व्हाट्सएप चैट में, रघु को छुट्टी वाले दिन काम करने के लिए कहा गया क्योंकि क्लाइंट को उस दिन कुछ काम देना था. बॉस ने '2-4 टैग लाइन' के साथ मदद करने के लिए एक घंटे काम करने का अनुरोध किया, जिस पर उसने जवाब दिया, "हम कल फर्स्ट हाफ तक इस पर काम कर सकते हैं. लेकिन आज नहीं."

 

 

शख्स ने स्क्रीनशॉट लेकर ट्वि्टर पर कर दिया पोस्ट

शख्स का कहना है कि अतिरिक्त काम के लिए हां कहना खतरनाक हो सकता है और आप अपनी लाइफ को और भी कठिनाई में डाल रहे हैं. एक कर्मचारी को खुद पता है कि काम के बहाने लोग उसका शोषण कर रहे हैं, लेकिन फिर भी वह करने के लिए तैयार है.  रघु ने स्क्रीनशॉट के साथ एक ट्वीट में लिखा, “मुझे छुट्टी के दिन काम न करने के लिए कहने में 5 साल लग गए. मेरे जैसा मत बनो. जल्द ही इस पर अपना कड़ा फैसला लो. हैप्पी उगादी." जब किसी ने उससे पूछा कि उसने मैसेज को पढ़ने के बाद उसे अनदेखा क्यों नहीं किया और बाद में इसके बारे में बहाना क्यों नहीं बनाया तो रघु ने जवाब दिया, "मुझे पता है कि यह कैसे करना है, मैं बचने के बजाय अपने निर्णय का सामना करना चाहता था और बताना चाहता था."

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