कहीं देखी है ऐसी शादी! ऑडी-मर्सडीज नहीं... बैलगाड़ी से शादी करने पहुंचा दूल्हा, ट्रैक्टर से आए बाराती
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कहीं देखी है ऐसी शादी! ऑडी-मर्सडीज नहीं... बैलगाड़ी से शादी करने पहुंचा दूल्हा, ट्रैक्टर से आए बाराती

Unique wedding: शादी हर किसी की जिंदगी का एक खास पल होता है और हर एक शख्स इसे यादगार बनाने के लिए तरह-तरह की कोशिशें करता है. ऐसी ही एक अनोखी कोशिश एमपी के खरगोन के रहने वाले धीरज ने की जिसकी चर्चा चारों ओर हो रही है, जिसमें दूल्हा ऑडी या मर्सिडीज से नहीं बल्कि इस प्राचीन वाहन से अपनी दुल्हन को लेने जा रहा है.

फाइल फोटो

Unique wedding in khargone MP News: भारतीय समाज में शादी की परंपरा किसी उत्सव से कम नहीं है. शादी सिर्फ दो लोगों को नहीं, बल्कि दो परिवारों को भी पास लाती है. हर शख्स की जिंदगी में शादी एक ऐसा पल होता है जो उसके लिए बेहद खास होता है और इस खास पल को आजीवन यादगार बनाने के लिए वह भरसक प्रयास करता है. शादी के लम्हों को संजोने के लिए मौजूदा समय में यूनिक वीडियोग्राफी है, अलग फोटोग्राफी है और प्री वेडिंग शूट भी है. यह सब मिलकर आपकी शादी को एकदम फिल्मी बना देते हैं लेकिन इसके बाद भी आप कुछ अलग सोच रहे हैं तो खरगोन की इस शादी को देख सकते हैं.

कई लोग अपनी शादी में इतना यूनीक स्टाइल अपनाते हैं, जो चर्चा का विषय बन जाता है. ऐसा ही कुछ हुआ एमपी के खरगोन में. अक्सर दूल्हा अपनी दुल्हन को लेने के लिए घोड़ी, ऑडी, मर्सिडीज या किसी अच्छी गाड़ी में जाता है लेकिन खरगोन के शख्स ने एक ऐसा तरीका अपनाया, जिसे देख अच्छे-अच्छे लोग भी दंग रह गए. यह दूल्हा अपनी दुल्हन को लेने के लिए किसी लंबी गाड़ी में नहीं गया, बल्कि उसने एक पुराने समय के वाहन का इस्तेमाल किया जिसे हम बैलगाड़ी कहते हैं. वहीं बारातियों की लाइन जिस भी गली से गुजरी लोग आंख भर कर देखते रह गए. अपने बारातियों को ले जाने के लिए दूल्हे ने 35 ट्रैक्टर का इंतजाम किया था.

35 ट्रैक्टर की ये कतारें जिस भी गली, मोहल्ले और सड़क से गुजरीं, लोग उसे देखते ही रह गए. खरगोन के धीरज परिहार ने अपनी दुल्हन लाने के लिए यह यूनिक तरीका खोजा था जिसने इनकी शादी को हमेशा के लिए यादगार बना दिया. धीरज परिहार ने इसके पीछे का तर्क दिया है कि भगवान शिव माता पार्वती को लेने के लिए नंदी पर सवार होकर गए थे इसीलिए उसने भी बैलगाड़ी पर जाने का फैसला किया है. वहीं ट्रैक्टर किसानों की निशानी है इसलिए बारातियों को उनसे ट्रैक्टर पर सवार किया.

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