Advertisement
trendingPhotos2600509
photoDetails1hindi

Photo: मकर संक्रांति पर आंध्र प्रदेश में कॉक फाइट का आयोजन, विजेताओं को मिलेंगे, थार, रॉयल एनफील्ड...,जैसी महंगे इनाम

 AP Cock Fight: मकर संक्रांति से पहले आंध्र प्रदेश के कई हिस्सों में मुर्गों की लड़ाई (कॉक फाइट) का आयोजन होता है. यह खेल हर साल बड़े स्तर पर होता है, हालांकि इसे रोकने के लिए प्रतिबंध और पुलिस के प्रयास होते हैं. इस खेल में करोड़ों रुपये का सट्टा भी लगता है.

1/6

मकर संक्रांति के अवसर पर आंध्र प्रदेश के कई हिस्सों में मुर्गों की लड़ाई (कॉकफाइट) का आयोजन एक प्रमुख परंपरा है. इस खेल में करोड़ों रुपये का सट्टा लगता है और इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं. हालांकि, यह खेल पशु क्रूरता अधिनियम के तहत प्रतिबंधित है, लेकिन इसके बावजूद यह परंपरा जारी है.

2/6

इस साल कॉकफाइट आयोजकों ने इस परंपरा को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है. विजेताओं को महिंद्रा थार, रॉयल एनफील्ड बुलेट जैसी महंगी पुरस्कार देने की घोषणा की गई है. 

3/6

जबकि काकीनाडा के पेनुगुडुरु गांव में विजेता मुर्गे के मालिक को महिंद्रा थार गाड़ी देने की घोषणा की गई है. कृष्णा जिले के गन्नावरम, पेनमालुर, पेडाना और मछलीपट्टनम में, विजेता एकदम नई रॉयल एनफील्ड बुलेट में घर लौट सकते हैं.

4/6

इस साल के आयोजन को और भी भव्य बनाने के लिए अखाड़ों को स्टेडियम की तरह तैयार किया गया है. विस्तृत सेटअप, फ्लडलाइट्स और बड़ी एलईडी स्क्रीन के साथ ये अखाड़े मिनी इनडोर स्टेडियम की तरह दिखते हैं. आयोजकों का मानना है कि यह नया चलन दर्शकों के लिए उत्साह की एक अतिरिक्त परत जोड़ने के अलावा पारंपरिक खेल के लिए अधिक उत्साह पैदा करेगा.

5/6

प्रतिभागी भी इस आयोजन के लिए पूरी तैयारी करते हैं. कृष्णा जिले में बी.टेक अंतिम वर्ष के छात्र वसंत राम ने कहा कि उन्होंने अपनी पॉकेट मनी बचाकर एक मुर्गा खरीदा है और उसे अच्छी तरह से लड़ाई की ट्रेनिंग दी है. उनका सपना है कि वह रॉयल एनफील्ड बुलेट जीतें.

6/6

मुर्गों की लड़ाई आंध्र प्रदेश की एक पुरानी परंपरा है, लेकिन इसे लेकर विवाद भी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में इस पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन यह प्रथा अब भी जारी है. साल 1960 के पशु क्रूरता अधिनियम (Prevention of Cruelty to Animals Act, 1960) के तहत भी इसे बैन किया गया है. 2017 में आंध्र प्रदेश सरकार, 2019 में मद्रास हाईकोर्ट, और 2020 में तेलंगाना हाईकोर्ट ने भी मुर्गों की लड़ाई पर रोक लगाने के आदेश दिए. बावजूद इसके, इस खेल का क्रेज समय के साथ बढ़ता ही जा रहा है.

ट्रेन्डिंग फोटोज़