गौरतलब है कि वे ऑस्ट्रेलिया के पश्चिम में पर्थ के उत्तर-पश्चिम में लगभग 1,708 मील (2,750 किलोमीटर) के आसपास 290,213 वर्ग मील (467,054 वर्ग किलोमीटर) के क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया के दूरस्थ कोकोस (कीलिंग) द्वीप समुद्री पार्क के एक अभियान के दौरान पाए गए थे.
इस क्षेत्र के दो द्वीपों में 27 छोटे-छोटे द्वीप शामिल हैं जिनमें सफेद रेत वाले समुद्र तट, ताड़ के पेड़ और लैगून हैं. तीन मील से अधिक गहराई से नमूने एकत्र करने वाली टीम ने पहले अज्ञात गहरे समुद्र में मौजूद जीव का सर्वेक्षण किया, जिसमें जिलेटिनस त्वचा वाली एक ब्लाइंड ईल भी मिली.
रिसर्चर अज्ञात जीव की डरावनी और अजीबोगरीब आंखों से मोहित हो गए जो तीन मील से अधिक गहराई में पाए गए थे. उन्होंने एक हाईफिन लिजर्ड फिश भी खोजी, जिसमें ओवरीज और टेस्टीज दोनों एक साथ होते हैं.
एक फ्लैट फिश भी पाई गई जिसकी आंखें समुद्र के तल पर चिपकी हुई थी. यह आंखें उसके सिर के दोनों तरफ होती हैं. समुद्र तल पर रेंगने के लिए अपने हाथ जैसे पंखों का उपयोग करने वाली गहरे समुद्र की बैटफिश भी पाई गईं.
स्लोअन्स वाइपरफिश (Sloane’s Viperfish) ने लोगों को सोच में डाल दिया, क्योंकि चेहरे की आकृति बेहद ही खौफनाक थी. संग्रहालय विक्टोरिया रिसर्च इंस्टीट्यूट के अभियान के मुख्य वैज्ञानिक टिम ओ'हारा ने लाइव साइंस को बताया, 'ये मछलियां गहरे समुद्र में किसी फैशन स्टार से कम नहीं.'
उन्होंने आगे कहा, 'गहरे समुद्र में मछलियां सभी आकारों में आते हैं, हल्के अंगों वाली, ट्रांसपैरेंट, बड़े आंखों वाली होती हैं. प्रत्येक प्रजाति अत्यधिक गहरे समुद्र के वातावरण के अनुकूल होती है. हमने इस समुद्री पार्क में रहने वाली संभावित नई प्रजातियों की एक अद्भुत संख्या की खोज की है.' वैज्ञानिक भी सोच रहे होंगे कि क्या ऐसी मछलियों की खोज करके गलती कर दी, जो लोगों को सोच में डाल दिया. हालांकि, वैज्ञानिकों का काम है खोज करना और वो अपना काम कर रहे हैं.
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