उद्धव सीएम कुर्सी के साथ-साथ ही लगातार अपनी पार्टी शिवसेना को भी बिखरने से बचाए रखने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बुधवार को परभणी से शिवसेना के लोकसभा सांसद संजय जाधव बिफरे भी और बिखरे भी. जाधव ने अपना इस्तीफा उद्धव ठाकरे को सौंप दिया है.
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मुंबईः सीएम बनने के साथ ही उद्धव ठाकरे लगातार मुश्किलों में रहे हैं. कांग्रेस के साथ तिपाया सरकार चला रहे सीएम लगातार अंदर खाने ही कई बार विरोधों का सामना कर रहे हैं, बाहर वह भले ही यह कहकर गरजते हों कि एक व्यक्ति देश चलाएगा और हम हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठेंगे, लेकिन हकीकत यह है कि उनकी खुद की शिवसेना में उनकी इस गरज के पीछे सिर्फ सूना सन्नाटा बचता है. इसकी एक बानगी बुधवार को मिली है.
आरोप लगाकर का इस्तीफा सौंपा
उद्धव सीएम कुर्सी के साथ-साथ ही लगातार अपनी पार्टी शिवसेना को भी बिखरने से बचाए रखने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बुधवार को परभणी से शिवसेना के लोकसभा सांसद संजय जाधव बिफरे भी और बिखरे भी. जाधव ने अपना इस्तीफा उद्धव ठाकरे को सौंप दिया है.
Shiv Sena MP from Maharashtra's Parbhani, Sanjay Jadhav (in file pic) tenders his resignation from membership of Lok Sabha. His resignation letter to the party chief & CM reads, "If I'm unable to do justice with Shiv Sena workers of my area I've no right to be an MP of the party" pic.twitter.com/zHvvd6ae2z
— ANI (@ANI) August 26, 2020
उन्होंने सिर्फ इस्तीफा ही नहीं सौंपा है, बल्कि भारी आरोप भी लगाए हैं. जाधव शिवसेना दो बार विधायक रहे हैं. दूसरी बार लोकसभा सांसद चुने गए हैं.
पत्र लिखकर जताई नाराजगी
परभणी से शिवसेना के लोकसभा सांसद संजय जाधव ने एनसीपी के सामने घुटने टेकने का आरोप लगाया है. शिवसेना सांसद संजय जाधव ने उद्धव ठाकरे को खत लिखकर इस्तीफा भेजा है. उन्होंने लिखा कि शिवसेना कार्यकर्ताओ को न्याय न मिलने से वह नाराज हैं. जिंतुर कृषि उत्पन्न बाजार समिति में गैर सरकारी प्रशासक मंडल की नियुक्ति करने के लिए पिछले 8 से 10 महीने से आप के पास फॉलो अप कर रहा हूं.
कहा- मैं बालासाहब ठाकरे का शिवसैनिक
उन्होंने पत्र में अपनी नारजगी की वजह भी बताई है. लिखा है कि जिंतुर से एनसीपी कांग्रेस का एक भी विधायक न होने के बावजूद भी वहां के कॄषि उत्पन्न बाजार समिति पर एनसीपी का गैर सरकारी प्रशासक मंडल चुना गया. ये बात मेरे मन को काफी तकलीफ दे रही है इस वजह से शिवसैनिको में काफी नाराजगी है.
उन्होंने आगे लिखा कि मैं बालासाहब ठाकरे का शिवसैनिक हूँ अगर कार्यकर्ता को न्याय नहीं दे पाऊंगा तो मेरा सांसद पद किस काम का है? मुझे इस पद पर रहने का नैतिक अधिकार नही है. कृपया आप मेरा इस्तीफा स्वीकार करिए.
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